गोपालगंज. भारत-पाक के बीच चल रहे तनातनी के बीच ड्रग्स माफियाओं ने भी अपना ट्रेंड बदल दिया है. शहर के बाद अब गांवों में अपने नेटवर्क को तेजी से मजबूत कर रहे.
गोपालगंज जैसे छोटे शहर में ड्रग्स का कारोबार 220 करोड़ तक पहुंच गया है. खुफिया एजेंसियों ने इसको लेकर अलर्ट किया है. भारत से मात खाने के बाद पाक से जुड़े ड्रग्स माफिया अपना स्ट्रेटजी बदल कर गांवों को फोकस करेंगे. इसको लेकर अलर्ट किया गया है. यहां बता दें कि पुलिस भी ड्रग्स माफियाओं तक नहीं पहुंच पा रही. छोटे-छोटे पैडलरों तक पुलिस की कार्रवाई सिमट कर रह गयी है. जबकि शहर के साधु चौक सेंटर बन गया है. इसके अलावा बरौली, कुचायकोट थाने के सासामुसा, जलालपुर, पंचदेवरी, बहेरवा बाजार, जमुनहां बाजार, कटेया, पगरा, विजयीपुर, भोरे, शामपुर बाजार, मीरगंज, हथुआ, थावे, मांझा, सिधवलिया, महम्मदपुर, दिधवा दुबौली जैसे बाजारों में ड्रग्स का मजबूत नेटवर्क फैला हुआ है. यहां हाइस्कूल के छात्रों को टारगेट किया जा रहा. उनके बीच ड्रग्स की आदत डाली जा रही, ताकि उनका करियर बर्बाद हो जाये.””उड़ता पंजाब”” बनने की राह पर गांव
ड्रग्स की तस्करी करने वालों का नेटवर्क सिर्फ शहर ही नहीं आसपास के गांवों तक फैल गया है. नशे के सौदागर पहले अच्छे परिवार के स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्रों से दोस्ती करते हैं और उन्हें फ्री में नशा चखाते हैं. जब उनको नशा अच्छा लगने लगता है, तब वे ग्राहक बन जाते हैं और पैसे के लिए नशे की तस्करी भी शुरू कर देते हैं. इस तरह अपना जिला भी ””उड़ता पंजाब”” बन रहा है. इसके बाद एक तय समय पर नशे की पुड़िया ठिकाने से बाहर आती है. फिर तय ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए कैरियर निकल पड़ते हैं.मीरगंज पुलिस ने छह पैडलरों को दबोचा, तो हुआ खुलासा
मीरगंज पुलिस द्वारा गांवों में ड्रग्स की सप्लाइ करने जा रहे छह पैडलरों को पुलिस ने दबोचा था. मीरगंज थाना क्षेत्र के बीके टाइल्स के पास थानेदार अनिल कुमार वाहन की जांच कर रहे थे, जहां से दो बाइकें एवं 23 पुड़िया (मात्रा 10.4 ग्राम) स्मैक के साथ उचकागांव थाना क्षेत्र के नवादा परसौनी गांव के शेख अनवर के पुत्र मुजीबुर रहमान, बरारी जगदीश गांव के अलिम मियां के पुत्र राजा हुसैन, नौतन हरैया गांव के रामसुरत राम के पुत्र धनंजय कुमार, राजेश राम के पुत्र पंकज कुमार, जयप्रकाश राम के पुत्र राकेश कुमार तथा राजेंद्र राम के पुत्र सोनू कुमार को अरेस्ट किया था. उनके बताने के अनुरूप मीरगंज में 20 संदिग्धों को उठाकर पूछताछ के बाद पुलिस की कार्रवाई सिमट गयी.एजेंसी और पुलिस की सुस्ती से बढ़ती जा रही चेन
जानकार सूत्रों ने बताया कि स्मैक, ब्राउन शुगर की पुड़िया के साथ कई गिरफ्तारियां हुईं. इतनी बड़ी संख्या में नशे की पुड़िया मिलने के बावजूद पुलिस इसके पीछे के लोगों तक नहीं पहुंच सकी है, जिससे ड्रग्स माफिया अपने नेटवर्क को बड़ी आसानी से संचालित कर रहे. तत्कालीन पुलिस कप्तान स्वर्ण प्रभात ने करोड़ाें के ड्रग्स के साथ माफिया गणेश चौरसिया को अरेस्ट किया था. उसके बाद कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो सकी.केस स्टडी-01 :
जलालपुर के राजेश कुमार पढ़ने में काफी तेज था. सामाजिक कारणों से नाम बदला हुआ. राजेश को उसके दोस्तों ने दो-चार बार ड्रग्स का स्वाद चखाया. उसके बाद उसकी आदत हो गयी. इसकी जानकारी मिली तो परिवार के लोगों ने समझाया. परिजन अपनी प्रतिष्ठा बचाने में जुटे रहे. अब स्मैक के नशे में राजेश का पूरा करियर खत्म हो गया.केस स्टडी-02 :
जमुनहां के रहने वाले 19 वर्षीय अरविंद कुमार ने भी स्मैक की लत पकड़ ली. परिवार के लोग जब लाचार हो गये, तो घर से पैसा देना बंद कर दिये, तो अब यूपी से शराब लाकर बिहार में बेचकर स्मैक का नशा करता है. यह केस महज नमूना भर है. ड्रग्स की डोज के लिए किसी भी अपराध करने को मजबूर हो जा रहे.ड्रग्स के कारोबार को ध्वस्त करने में जुटी पुलिस
पुलिस उपाधीक्षक विजय कुमार मिश्र से संपर्क करने पर उनके द्वारा बताया गया कि ड्रग्स के कारोबार को ध्वस्त करने के लिए पुलिस अपने स्तर से लगातार कार्रवाई कर रही है. जो भी इनपुट मिल रहे, उनपर त्वरित कार्रवाई की जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है