उचकागांव. एक तरफ शिक्षा विभाग के मंत्री से लेकर सचिव तक विद्यालयों में बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाने तथा कक्षा को आकर्षित बनाने के लिए आए दिन नए-नए नियम बना कर निर्देश दे रहे हैं, तो दूसरी तरफ बिजली विभाग के नियम कानून के कारण भीषण गर्मी में भी सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पंखे की हवा नसीब नहीं हो रही है.
विद्यालय में वायरिंग, बिजली, पंखा सब कुछ होने के बावजूद सप्लाइ बंद है. बताया जाता है कि बिजली विभाग ने प्रखंड क्षेत्र के 100 से अधिक सरकारी प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रीपेड मीटर को इंस्टॉल कर दिया. कुछ दिनों तक तो सभी सरकारी विद्यालयों में बिजली की सप्लाइ चलती रही. लेकिन, बाद में प्रीपेड मीटर को रिचार्ज करने का मामला सामने आने लगा. जिस कारण धीरे-धीरे 50 से अधिक विद्यालय में बिजली की आपूर्ति बंद हो गयी. भीषण गर्मी में भी छात्र-छात्राएं पंखे की हवा के लिए मोहताज हैं.बिजली नहीं रहने से स्मार्ट क्लास भी बंद
उच्च और मद्य विद्यालयों में स्मार्ट क्लास भी बंद है, जिस कारण छात्र-छात्राओं को स्मार्ट क्लास में मिलने वाली जानकारी और शिक्षा भी बंद हो हो गयी. जानकार बताते हैं कि शिक्षा विभाग और बिजली विभाग में टाइअप हुआ था कि किसी भी विद्यालय में बिजली की सप्लाइ बंद नहीं की जायेगी. सरकार के नियमों के अनुसार जिला शिक्षा कार्यालय से बिजली विभाग को प्रतिमाह बिल के एवज में एकमुश्त पैसे का भुगतान किया जाता है. इसलिए स्थानीय स्तर किसी विद्यालय तथा हेडमास्टर को अलग से बिजली बिल भुगतान करने की कोई आवश्यकता नहीं है. लेकिन विद्युत आपूर्ति बंद हो गयी है. इस संबंध में लेखा सहायक मुनमुन कुमार ने बताया कि स्कूलों में बिजली आपूर्ति बंद होने की सूचना वरीय अधिकारियों तथा बिजली विभाग के जेइ को भी दी गयी है. लेकिन, अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है