संजय कुमार अभय, गोपालगंज
जिले में गरीबों को मिलने वाले अनाज वितरण में बड़े पैमाने पर धांधली का खुलासा हुआ है. डीलरों को निर्धारित 50.5 किलो के बोरे की जगह 44-45 किलो, यहां तक कि कई बार सिर्फ 39 किलो अनाज ही दिया गया. कई मामलों में गरीबों को जबरन सड़ा हुआ अनाज भी थमाया गया. इस गड़बड़ी के उजागर होने के बाद तत्कालीन डीएम पवन कुमार सिन्हा ने राज्य खाद्य निगम के पूर्व जिला प्रबंधक कुमार कुंदन पर आरोप पत्र भेजा था. अब निगरानी जांच की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की बारी है. इस मामले की जांच तत्कालीन एडीएम आशीष कुमार सिन्हा ने की थी. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा है कि कुमार कुंदन ने अल्प समय में अवैध तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित की है. रिपोर्ट में उल्लेख है कि उन्होंने पदीय मर्यादा और अनुशासन की अनदेखी करते हुए भ्रष्टाचार से संपत्ति एकत्र की. निगरानी जांच में उन्हें दोषी पाया गया है और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत विधिक एवं अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है. फिलहाल यह फाइल डीएम कार्यालय में लंबित है. अब जब जिले में नये डीएम पवन कुमार सिन्हा की सख्ती सामने आ रही है, तो माना जा रहा है कि इस प्रकरण में जल्द ही कड़ी कार्रवाई की जायेगी. जनता को अब निष्पक्ष न्याय की उम्मीद है.वार्षिक संपत्ति उद्घोषणा में भी छिपायी गयी राशि
जिला निगरानी कोषांग की जांच में पाया गया कि एसएफसी के जिला प्रबंधक वार्षिक संपत्ति उद्घोषणा में प्रतिवेदन में वर्णित भूमि 83.52 लाख एवं बैंक में जमा राशि (कुल-19.03 लाख को छुपा लिया गया था.जिला बीस सूत्री की बैठक में छाया रहा मुद्दा
पिछले माह जिला बीस सूत्री की हुई बैठक में हम के जिलाध्यक्ष पंकज सिंह राणा ने एसएफसी के करप्शन का मुद्दा को उठाया था. उन्होंने प्रभारी मंत्री से कहा कि निगरानी की जांच होने के बाद जब कार्रवाई की बारी आयी तो कुमार कुंदन को बचाने के लिए एडीएम राजस्व का प्रभार बदल कर आपदा के एडीएम को सौंप दिया गया. उसके बाद फाइल को दबा दिया गया. प्रभारी मंत्री ने डीएम को उसपर कार्रवाई का आदेश दिया. अब बीस सूत्री में उठे मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई शुरू हुई है.आइबी के नाम पर जांच को प्रभावित करने का प्रयास
अपर समाहर्ता सह नोडल पदाधिकारी जिला निगरानी कोषांग के समक्ष जांच में कुमार कुंदन द्वारा जांच को प्रभावित करने का काम किया गया. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि कुमार कुंदन ने अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए कई बार आइबी के अधीन स्वयं को पूर्व में कार्यरत रहने की बात बतायी थी, इनके द्वारा समर्पित अपने जवाब में भी दो-दो बार इसे उल्लेखित किया गया.निगरानी में जलालपुर के युवक ने की थी शिकायत
कुचायकोट थाने के नेचुआ जलालपुर के पूर्व मुखिया स्व रामचंद्र प्रसाद के पुत्र संतोष गुप्ता ने निगरानी में शिकायत कर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लगभग 100 करोड़ की संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था. संतोष का आरोप था कि कुमार कुंदन नौकरी में आने के बाद पैसा और पैरवी के दम पर लगातार तीन जिलाें में ही कार्यरत रहे हैं. उन पर लगे गंभीर आरोप पर निगरानी ने उसे जिला निगरानी कोषांग को जांच के लिए भेज दिया था.करप्शन मामले में हो कार्रवाई : मंजीत
बिहार नागरिक परिषद के उपाध्यक्ष मंजीत सिंह ने कहा कि कुमार कुंदन के कार्यकाल में गरीबों को मिलने वाला फ्री का अनाज करप्शन का शिकार होकर रह गया. डीलरों को 50.5 किलो के बदले काफी कम अनाज दिया जा रहा था. इस मामले में मैंने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां शिकायत दर्ज करायी थी. वहां से भी कुमार कुंदन की भूमिका की हाइलेवल जांच की अनुशंसा की गयी, जो तत्कालीन डीएम के यहां जाकर दफन हो गया. मंजीत सिंह ने कहा कि निगरानी से आयी जांच को भी प्रभावित करने का प्रयास किया गया. अब डीएम के स्तर से कार्रवाई शुरू हुई है तो लोगों का भरोसा बढ़ा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है