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gopalganj news : सदर अस्पताल में डीएनबी कोर्स के लिए पीडियाट्रिक्स के बाद गायनेकोलॉजी की दो सीटों के लिए मिली मान्यता

gopalganj news : मेडिकल कॉलेज के तर्ज पर विकसित हो रहा मॉडल सदर अस्पताल, नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस की टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर मिली मान्यता, एनेस्थीसिया कोर्स के लिए की गयी अप्लाइ

गोपालगंज. अब मेडिकल कॉलेज के तर्ज पर मॉडल सदर अस्पताल में डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) कोर्स की पढ़ाई शुरू होगी.

नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस की टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर पीडियाट्रिक्स के बाद गायनेकोलॉजी की भी मान्यता मिली है. पहले चरण में यहां पीडियाट्रिक्स कोर्स में चिकित्सकों की पढ़ाई के लिए सितंबर 2024 में दो सीटें मिली थीं. वहीं, दूसरे चरण में गायनेकोलॉजी (स्त्री रोग विज्ञान) कोर्स की मान्यता मिली है. इनमें एक बिहार के मेडिकल छात्र के लिए रिजर्व रहेगा, जबकि, दूसरी सीट दूसरे राज्यों के मेडिकल छात्र के लिए रिजर्व रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल में एनेस्थीसिया कोर्स की पढ़ाई के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन डिपार्टमेंट में आवेदन अप्लाइ की है. मेडिकल साइंस टीम की असेसमेंट के बाद इस कोर्स की भी मान्यता मिल सकती है. गोपालगंज में मेडिकल की पढ़ाई शुरू होने से स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने खुशी जाहिर की है. शुक्रवार को बिहार सरकार के प्रोग्राम सलाहकार प्रभाकर सिन्हा ने सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र प्रसाद से मान्यता के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाये. मौके पर डीपीएम धीरज कुमार, अस्पताल प्रबंधक जान महम्मद आदि मौजूद रहे.

क्या है डीएनबी की डिग्री

डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) में डिग्री तीन साल, जबकि डिप्लोमा दो साल का होता है. मान्यता मिलने से बिहार के अलावा दूसरे राज्यों के एमबीबीएस नीट पीजी क्वालीफाइ छात्र पढ़ने के लिए आयेंगे. सरकार की ओर से उन्हें कोर्स करने पर हर महीने अतिरिक्त भत्ता दिया जाता है. स्नातकोत्तर डिग्री सभी उद्देश्यों (मेडिकल शिक्षण पदों पर नियुक्ति सहित) में मास्टर ऑफ मेडिसिन (एमडी), मास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस), डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (डीएम) और मास्टर ऑफ सर्जरी (एमसीएच) के बराबर है.

मरीजों को होगी सुविधा : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि डीएनबी कोर्स शुरू होने से स्वास्थ्य विभाग को सुपर स्पेशियलिटी के डॉक्टर मिलेंगे. विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे सदर अस्पताल को फायदा मिलेगा. यहां अध्ययनरत चिकित्सक एमबीबीएस और नीट पीजी क्वालिफाइ होंगे, जो अपनी सेवा पढ़ाई के साथ-साथ सदर अस्पताल में देंगे. इससे मरीजों को सुविधा होगी. डीएनबी की पढ़ाई शुरू होने से पहले क्लास रूम, लाइब्रेरी, डिपार्टमेंटल मैनेजर, स्टाफ, चतुर्थवर्गीय कर्मी, सुरक्षा गार्ड आदि उपलब्ध कराये जायेंगे.

पहले से चल रहे ये कॉलेज

– डीएनबी कोर्स पीडियाट्रिक्स

– जीएनएम कॉलेज-हथुआ

– पारा मेडिकल कॉलेज-हथुआ- एएनएम कॉलेज-हथुआ- एएनएम कॉलेज-बैकुंठपुर

सांसद व डीएम ने की थी पहल

सांसद सह जेडीयू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ आलोक कुमार सुमन और गोपालगंज के डीएम प्रशांत कुमार सीएच ने डीएनबी कोर्स के लिए पहल की थी. सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र प्रसाद ने डीएनबी कोर्स की मान्यता के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन में आवेदन अप्लाइ करवाया था. मेडिकल साइंस टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर मान्यता मिली है. मॉडल सदर अस्पताल की नयी बिल्डिंग भी बन रही है, ऐसे में कई नये कोर्स की मंजूरी मिलने की संभावना जतायी जा रही है.

मेडिकल कॉलेज की मिली है मंजूरी

गोपालगंज में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए बिहार सरकार की कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है. कैबिनेट से राशि भी पास हो चुकी है, लेकिन केंद्र की ओर से मेडिकल कॉलेज की ओर से राशि स्वीकृत नहीं हो सकी है. जिला प्रशासन की ओर से मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जमीन अधिग्रहण का काम भी पूरा नहीं किया जा सका है, इस वजह से मेडिकल कॉलेज खुलने में विलंब हो रहा है. डीएम का कहना है कि जल्द ही मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी, ताकि मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो सके.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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