गोपालगंज. जिले में शनिवार की दोपहर अचानक आंधी और तेज बारिश ने भारी तबाही मचायी. लगभग 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली तेज हवा और मूसलधार बारिश के कारण कई इलाकों में पेड़, बिजली के खंभे और घरों के छप्पर गिर गये. हादसों में आधा दर्जन लोग घायल हो गये हैं, जिन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जिलेभर के अलग-अलग इलाकों में बिजली पोल, ट्रांसफाॅर्मर गिरने के अलावा आम व लीची के बगान को भारी नुकसान पहुंचने की सूचना है. कलेक्ट्रेट और कचहरी परिसर में बड़े पेड़ गिरने से अफरातफरी मच गयी. कलेक्ट्रेट के निकास द्वार और कचहरी परिसर में खड़ी बाइक पर पेड़ गिरने से संपत्ति को नुकसान पहुंचा. नगर थाने के पास मोबाइल और मिठाई दुकान पर भी पेड़ गिर गया, जबकि जादोपुर रोड में तेज आंधी के दौरान लोगों में अफरातफरी का माहौल रहा. मौनिया चौक पर कई दुकानों के करकट उड़ गये, वहीं, कुचायकोट में धूलभरी आंधी ने तबाही की भयावहता को उजागर किया.
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में घुसा पानी
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में बारिश का पानी घुस जाने से मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. जलजमाव के बीच मरीजों को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए दृश्य ने अस्पताल प्रबंधन की पोल खोल दी. कई मरीजों को उनके परिजन गोद में उठाकर वार्ड के अंदर लेकर गये. मरीजों का कहना था कि अस्पताल में ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त नहीं होने के कारण स्थिति उत्पन्न हुई है. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ शशिरंजन प्रसाद ने कहा कि पानी की निकासी के लिए मोटर लगायी गयी हैं, जल्द ही दुरुस्त कर लिया जायेगा.आम-लीची को पहुंचाया नुकसान, मूंग की फसल बर्बाद
गोपालगंज. तेज आंधी और बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जहां मूंग की तैयार फसल पर बारिश ने पानी फेर दिया, वहीं आम और लीची के बागानों को भी नुकसान पहुंचा है. कुचायकोट के कुरुमटोला, बहादुरपुर और सदर प्रखंड के बसडीला समेत कई इलाकों में बागवानों ने आम के पेड़ों से कच्चे फल टूटने की शिकायत की है. कृषि विज्ञान केंद्र की वैज्ञानिक श्रीप्रिया दास के अनुसार, तेज हवा से आम के पेड़ प्रभावित हुए हैं. हालांकि लीची की फसल अंतिम चरण में होने के कारण उसका नुकसान अपेक्षाकृत कम है. सबसे अधिक नुकसान मूंग की फसल को हुआ है. जिन खेतों में फलियां पक चुकी थीं, वहां सड़ने का खतरा बढ़ गया है. इससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. वहीं, धान की खेती के लिए यह बारिश वरदान साबित हो सकती है. धान की नर्सरी के लिए जरूरी नमी मिल गयी है. इसके अलावा जैविक खेती के लिए खेतों में बोये गये ढैंचा की बढ़वार भी अब तेजी से होगी. कुल मिलाकर यह बारिश कुछ किसानों के लिए राहत तो कुछ के लिए आफत बनकर आयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है