फुलवरिया. प्रखंड के बथुआ बाजार से श्यामपुर बाजार होते हुए जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली मुख्य सड़क की जर्जर स्थिति से परेशान ग्रामीणों का आक्रोश अब उबाल पर है. वर्षों से उपेक्षा की शिकार यह सड़क अब गड्ढों और कीचड़ में तब्दील हो चुकी है. इससे ग्रामीणों की आवाजाही मुश्किल हो गयी है. रामपुर गांव के ग्रामीणों ने विरोध का नया तरीका अपनाते हुए गांव के प्रवेश द्वार पर एक बड़ा बैनर टांग दिया है, जिस पर लिखा है “रोड नहीं, तो वोट नहीं. ” ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से सड़क निर्माण की मांग कर चुके हैं. दर्जनों बार शिकायत, धरना-प्रदर्शन और सड़क को जाम किया गया, लेकिन हर बार केवल आश्वासन मिला. बरसात का मौसम शुरू भी नहीं हुआ है, फिर भी सड़क पर जलजमाव और कीचड़ की समस्या गंभीर बनी हुई है. दो से तीन फुट गहरे गड्ढों के कारण इस मार्ग पर पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं है. ग्रामीणों के अनुसार, हर दिन कोई न कोई राहगीर गिरकर घायल हो रहा है. मरीजों को अस्पताल ले जाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं. स्कूल जाने वाले बच्चों को कीचड़ में सने कपड़ों में घर लौटना पड़ता है. व्यापारियों का कहना है कि खराब सड़क की वजह से ग्राहक बाजार आने से कतराते हैं, जिससे उनका व्यवसाय प्रभावित हो रहा है. अब यह मुद्दा केवल सड़क नहीं, सम्मान और अधिकार की लड़ाई बन चुकी है. ग्रामीणों की निगाहें अब ठोस कार्रवाई पर टिकी हैं, आश्वासनों पर नहीं.
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