पटना़ बैंक ऑफ महाराष्ट्र की समस्तीपुर शाखा से नौ करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की लूट मामले में एसटीएफ और जिला पुलिस ने 13 लोगों को दबोचा है. इनके पास से करीब तीन किलो सोना, दो देसी पिस्टल और छह जिंदा कारतूस बरामद किये गये हैं. पुलिस के अनुसार, वारदात की साजिश बैंक के ही दो कर्मियों की मिलीभगत से रची गयी थी. अपराधियों ने कुल 9.75 किलो सोना और 15 लाख रुपये नकद लूटे थे. लगभग तीन किलो सोना पुलिस ने बरामद कर लिया है. शेष की तलाश में छापेमारी की जा रही है. गिरफ्तार आरोपितों में वैशाली के रविश कुमार, करमवीर उर्फ धर्मवीर कुमार, बिट्टू कुमार, दीपक साह, हरीशचंद्र राय के साथ समस्तीपुर के रंधीर कुमार, दीपक उर्फ मुंशी कुमार, अनुराधा देवी, फूलपरी देवी, रमेश झा, अभिषेक गुप्ता, अखिलेश उर्फ गोलू यादव और सविता देवी शामिल हैं. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार गोलू यादव पर सबसे अधिक 21 मुकदमे दर्ज हैं. रविश पर नौ, करमवीर पर 14, जबकि रंधीर और दीपक पर आठ-आठ आपराधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं.
बैंक से जुड़े दो कर्मियों ने बनायी थी लूट की योजना :
एसटीएफ के अनुसार, लूट की योजना बैंक से जुड़े अभिषेक गुप्ता और लोन एजेंट रमेश झा ने मिलकर बनायी थी. अभिषेक बैंक द्वारा गोल्ड लोन के सोने की शुद्धता जांच के लिए अधिकृत था. उसने बैंक के भीतर मौजूद आभूषणों और सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी रमेश के मार्फत गिरोह तक पहुंचायी. उसी आधार पर पूरी लूट को अंजाम दिया गया.पूछताछ में कई सुराग मिले: एडीजी
एसटीएफ एडीजी कुंदन कृष्णन के अनुसार, समस्तीपुर लूटकांड में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. यह संगठित गिरोह पहले भी कई राज्यों में बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है. गिरफ्तार लोगों से पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं, जिससे अन्य खुलासों की उम्मीद है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है