हाजीपुर. वैशाली जिला के विभिन्न इलाकों खासकर हाजीपुर की लचर ट्रैफिक व्यवस्था ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. रोज स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर डॉक्टर के पास जाने वाले मरीज और ड्यूटी पर जाने वाले शिक्षक-कर्मचारी तक सभी इस बदइंतजामी और लगातार लगने वाले जाम से हलकान हैं. सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की परेशानी और भी अधिक है, क्योंकि उन्हें सुबह-सुबह समय पर स्कूल पहुंचना होता है. उनकी उपस्थिति एक विशेष मोबाइल एप इ-शिक्षा कोष पर दर्ज होती है, जिसकी निगरानी मुख्यालय स्तर पर खुद अपर मुख्य सचिव करते हैं. स्थिति यह है कि अहले सुबह जब शिक्षक स्कूल निकलते हैं, तब सड़क पर कहीं कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी नजर नहीं आता. इसका नतीजा यह होता है कि वाहन चालक गलत लेन में गाड़ियां दौड़ाने लगते हैं, जिससे कुछ ही देर में सड़क पूरी तरह जाम हो जाती है. हालत यह है कि टेंपो, बस और कार तो दूर, बाइक सवार भी निकल नहीं पाते. राजापाकर में पदस्थापित प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका बंदना कुमारी ने इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए डीएम से गुहार लगायी है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक दिन सड़क के किनारे आड़े-तिरछे ट्रक खड़े कर ड्राइवर फरार हो जाते हैं. इससे हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है और विद्यालय पहुंचने में देर हो जाती है. हाजीपुर में पदस्थापित शिक्षिका फौजिया नफीस ने रुआंसे स्वर में कहा कि रोज किसी न किसी से लिफ्ट लेकर विद्यालय पहुंचती हूं. स्कूल लेट पहुंचने पर प्रधानाध्यापक से डांट और वेतन में कटौती की तलवार हमेशा लटकी रहती है. इसी तरह की शिकायत भगवानपुर के शिक्षक आलोक रंजन ने भी की. उन्होंने कहा कि हर दिन जाम और तनाव से बाइकिंग बेहद मुश्किल होती जा रही है. उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की कि ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए सुबह के समय पुलिसकर्मियों की ड्यूटी सुनिश्चित की जाये. शिक्षकों के संगठन भी अब सक्रिय हो गये हैं. अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के उत्तर-पूर्व क्षेत्र प्रमुख डॉ पंकज कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन को इस समस्या का अविलंब संज्ञान लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि वैशाली के जिलाधिकारी संवेदनशील अधिकारी माने जाते हैं. ऐसे में जिले में ट्रैफिक व्यवस्था का यूं चरमराया रहना हैरान करता है.
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