हाजीपुर. जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय गौरव कमल ने करीब 23 वर्ष पूर्व आपसी रंजिश में तीन लोगों पर जानलेवा हमला किए जाने के मामले में आरोपित पिता और उसके दो पुत्रों को एक वर्ष तक शांति व्यवस्था बनाए रखने का आदेश दिया. इसके साथ ही तीनों पर अलग- अलग अर्थदंड की सजा भी सुनाई. इस संबंध में अपर लोक अभियोजक खालिद लतीफ बताया कि वैशाली जिले के स्वर्ण व्यवसायी संघ ने जिले के सभी आभूषण की दुकान को 30 मार्च 2012 से दो अप्रैल 2012 को बंद रखने का निर्णय लिया था. इस निर्णय का उल्लंघन कर एक अप्रैल 2012 को जंदाहा स्वर्ण व्यवसायी संघ के अध्यक्ष शर्मानन्द साह ने अपनी दुकान खोल रखी थी. इस संबंध में पूछताछ करने की रंजिश में जंदाहा पुरानी बाजार निवासी दीपक कुमार साह के मल्होत्रा काॅम्प्लेक्स स्थित दुकान पर शर्मानन्द साह अपने परिवार के सदस्यों के साथ लाठी एवं रॉड लेकर हमला कर दीपक कुमार साह, उसके भतीजे पप्पू कुमार तथा भाई मुकेश साह पर जानलेवा हमला कर तीनों को जख्मी कर दिया. तीनों को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां पुलिस ने दीपक कुमार का बयान लेकर प्राथमिकी दर्ज की. इस मामले में पुलिस ने 28 अगस्त 2012 को आरोप पत्र समर्पित किया. न्यायालय में 12 नवम्बर 2012 को संज्ञान लिया गया. इस मामले में 07 नवम्बर 2014 को आरोप गठन किया गया. इस मामले में अपर लोक अभियोजक खालिद लतीफ द्वारा कराए गए 08 साक्षियों के परीक्षण-प्रतिपरीक्षण के बाद शर्मानन्द साह, उसके दो पुत्रों सुनील साह एवं मनोज साह को दोषी करार देते हुए तीनों को एक वर्ष तक शांति बनाये रखने का आदेश दिया. इसके साथ ही साथ शर्मानन्द साह को 10 हजार, उसके पुत्र सुनील साह को 25 हजार तथा मनोज साह को पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड की राशि पीड़ित को भुगतान करने का आदेश दिया गया है.
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