हाजीपुर. हाजीपुर और आसपास के क्षेत्रों में गंगा और गंडक नदियों का जल स्तर एक बार फिर चिंता का विषय बनता जा रहा है. गंगा नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है और यह खतरे के निशान के नजदीक पहुंच चुका है. मंगलवार की शाम तक गंगा नदी का जल स्तर 47.91 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के निशान से केवल 69 सेंटीमीटर नीचे है. इससे पहले मंगलवार की सुबह यह 47.86 मीटर था. गंगा नदी का जलस्तर पटना के गांधी घाट पर मापा जाता है. वहीं दूसरी ओर, गंडक नदी का जल स्तर भी उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है. सोमवार की शाम से मंगलवार की सुबह तक गंडक का जल स्तर 9.16 मिमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ा. हालांकि मंगलवार की सुबह से शाम तक यही रफ्तार घटने में दर्ज की गयी. हाजीपुर में मंगलवार की सुबह गंडक का जल स्तर 48.01 मीटर था, जो शाम होते-होते घटकर 47.90 मीटर रह गया. यहां गंडक के जल स्तर का खतरे का निशान 50.32 मीटर है. यानी वर्तमान में नदी 2.42 मीटर नीचे बह रही है. लालगंज में स्थिति थोड़ी अधिक चिंताजनक है. मंगलवार की सुबह यहां गंडक का जल स्तर 49.01 मीटर था, जो शाम को बढ़कर 49.51 मीटर हो गया. खतरे का निशान 50.50 मीटर है. यानी लालगंज में नदी अब मात्र 99 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. गंगा के जल स्तर में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है. बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण विभाग की ओर से निगरानी तेज कर दी गयी है. निचले इलाकों में नजर रखने और किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए तंत्र को सक्रिय रखा गया है.
गंडक नदी पहले भी पार कर चुकी है खतरे की सीमा
विभागीय आंकड़ों के अनुसार हाजीपुर में गंडक नदी के जल स्तर का खतरे का निशान 50.32 मीटर और लालगंज में 50.50 मीटर है. वर्ष 1948 में हाजीपुर में गंडक का जल स्तर 51.93 मीटर तक पहुंच गया था, जो खतरे के निशान से काफी ऊपर था. वहीं लालगंज में वर्ष 2021 में नदी का जलस्तर 51.82 मीटर तक चढ़ गया था. इन ऐतिहासिक आंकड़ों को देखते हुए बाढ़ की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. प्रशासन को सतर्कता और तैयारी के साथ संभावित खतरे से निपटने के लिए पहले से रणनीति बनानी होगी.
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