हाजीपुर. अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा), सदर प्रखंड कमेटी के तत्वावधान में शुक्रवार को स्थानीय वैशाली कला मंच पर महिला अदालत आयोजित की गयी. कार्यक्रम की अध्यक्षता ऐपवा जिलाध्यक्ष कुमारी गिरिजा पासवान ने की. महिला अदालत में सर्वसम्मति से माइक्रो फाइनेंस, स्वयं सहायता समूह के कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर रही महिलाओं के कर्ज माफ कर सुरक्षा देने, महिला हिंसा के अपराधियों को संरक्षण देने और महिलाओं के लिए रोजगार का प्रबंध करने में विफल सरकार को सर्वसम्मति से बदलने का निर्णय लिया गया. सरकार द्वारा आयोजित महिला संवाद को धोखा बताते हुए वादा खिलाफी और झूठी घोषणा करने का आरोप लगाया गया. महिला अदालत को ऐपवा की राज्य सचिव अनिता सिन्हा, भाकपा माले के जिला सचिव विशेश्वर प्रसाद यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण का नारा देकर भाजपा के नेतृत्व में चलने वाली सरकार महिलाओं को कमजोर कर रही है. स्वयं सहायता समूह के माध्यम से माइक्रोफाइनेंस कंपनियों को रिजर्व बैंक के मानक से पांच गुना ज्यादा सूद वसूलने, सूद का सूद वसूली की छूट दे दी है. शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति बदतर रहने के कारण समूह से कर्ज उठाकर महिलाएं बच्चों के ट्यूशन फीस और परिवार के मरीजों का इलाज कराने में खर्च कर दे रही हैं. जो महिलाएं छोटा कारोबार भी करती हैं, कुछ उत्पादन भी करती है, उनके उत्पाद का बाजार नहीं मिलता है. इस वजह वे कर्ज नहीं चुका पाती हैं और आजिज होकर आत्महत्या को मजबूत होती हैं. जब कॉरपोरेट घरानों का कर्ज सरकार माफ कर सकती है, तो आत्महत्या कर रही महिलाओं का कर्ज क्यों नहीं माफ हो सकता. महिलाओं के लिए रोजगार के लिए कोई प्रबंध नहीं नेताओं ने कहा कि महिलाओं के लिए रोजगार का कोई प्रबंध नहीं है, ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा से भी रोजगार नहीं मिल रहा है और मनरेगा की मजदूरी भी मात्र 245 रुपये है. शहरी क्षेत्र में मनरेगा की तर्ज पर कोई रोजगार गारंटी योजना नहीं है. झारखंड सरकार की तरह बिहार सरकार महिला सम्मान निधि योजना नहीं चला रही है. नेताओं ने महिला सम्मान निधि योजना शुरू कर तीन हजार रुपये प्रति महीना महिलाओं को आर्थिक सहयोग करने, सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि चार सौ से बढ़ाकर तीन हजार रुपये करने, रसोई गैस का कीमत पांच सौ रुपये प्रति सिलेंडर फिक्स करने, महिलाओं को एमए तक की शिक्षा फ्री देने, सभी मुहल्लों में मुहल्ला क्लिनिक खोलने, महिलाओं के अधिकार व सम्मान की रक्षा करने और न्याय दिलाने की गारंटी करने की मांग की. नेताओं ने 20 मई को ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर देशव्यापी आम हड़ताल में हिस्सा लेने की महिलाओं से अपील की. मौके पर ऐपवा की जिला सचिव प्रेमा देवी, यशोदा देवी, किरण कुमारी, पूनम देवी, किरण देवी, उषा देवी, कृष्णा देवी, आशा देवी, महापति देवी, रेणु देवी, मिथिलेश देवी, कविता देवी, मुन्नी देवी, सहित अन्य महिला नेताओं ने संबोधित करते हुए महिला विरोधी डबल इंजन सरकार को बदलने के निर्णय को गांव-गांव तक पहुंचाने का संकल्प लिया.
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