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हाजीपुर लोकसभा सीट समीकरण: पासवान और रविदास में होती है चुनावी टक्कर, सवर्ण और अति पिछड़े लगाते हैं तड़का

हाजीपुर में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 30 मई को मतदान होना है. हाजीपुर सीट सुरक्षित है. ऐसे में मुख्य रूप से दो जातियों के बीच लड़ाई होती है. लेकिन इस सीट पर जीत-हार में ऊंची जातियां अहम भूमिका निभाती हैं.

हाजीपुर लोकसभा सीट समीकरण: देश दुनिया में चर्चित बिहार की हाजीपुर सुरक्षित सीट को लेकर एक बार फिर तलवारें खींच गयी हैं. चुनावी उम्मीदवार मैदान में हैं. यहां पांचवे चरण में 20 मई को मतदान होगा, पर एनडीए और महागठबंधन से तय उम्मीदवारों के समर्थकों में चेहरे खिलने लगे हैं. हाजीपुर का चुनावी इतिहास बताता है कि सुरक्षित सीट होने के कारण यहां मुख्य रूप से लड़ाई पासवान और रविदास जातियों के बीच होती रही है. दूसरी जातियां यहां तड़का लगाने का काम करती रही हैं. रामविलास पासवान को जब भी यहां शिकस्त मिली तब उन्हें रविदास जाति के उम्मीदवार ने ही पटखनी दी.

1984 में कांग्रेस के रामरतन राम हों या 2009 में जदयू के रामसुंदर दास, पासवान, रविदास जाति के उम्मीदवार से ही पराजित हुए. इस बार भी एक ओर चिराग पासवान एनडीए के उम्मीदवार घोषित हैं, वहीं उनके मुकाबले महागठबंधन ने रविदास जाति से आने वाले स्थानीय नेता और राज्य के पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम को अपना उम्मीदवार बनाया है. 1977 के पूर्व हाजीपुर की सीट कांग्रेस के कब्जे में रही है. 1977 में रामविलास पासवान ने जनता पार्टी की लहर में रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी.

सवर्णों ने पासवान से जब भी मोड़ा मुंह, हुई हार

जानकार बताते हैं कि पासवान से जब भी सवर्ण मतदाता विमुख हुए, उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. सामाजिक समीकरण के लिहाज से पासवानों की आबादी रविदास जाति से कुछ अधिक है. महागठबंधन के राजद उम्मीदवार शिवचंद्र राम को माय समीकरण और अतिपिछड़ों के अलावा अपने स्वजातीय मतदाताओं पर भरोसा है. राजद ने आसपास की सीटों पर एनडीए की ऐसी घेराबंदी की है, जिसका राजनीतिक लाभ हाजीपुर में भी दिख सकता है.

चिराग पासवान के साथ एनडीए की ताकत और जनाधार है. जदयू के साथ होने से पिछड़ा वोट में भी चिराग के समर्थक बड़ी संख्या में सेंधमारी का दावा करते हैं. मसलन इस इलाके में कुर्मी मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं. इनके अलावा सवर्ण मतदाता के साथ ही अति पिछड़ी जाति के सहनी-मल्लाह मतदाता भी निर्णायक भूमिका में आते रहे हैं.

यादव और राजपूत मतदाताओं की संख्या करीब-करीब बराबर

बिहार पुलिस के रिटायर अधिकारी रंधीर कुमार सिंह हाजीपुर सुरक्षित सीट के जातीय समीकरण की व्याख्या करते हुए बताते हैं, यहां यादव और राजपूत मतदाताओं की संख्या करीब-करीब बराबर की स्थिति में है. वहीं राघोपुर में यादव मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है. महुआ में यादव और कोइरी मतदाता राजद को ताकत देते रहे हैं. महनार में सवर्ण में राजपूत मतदाताओं की अधिकता देखी जाती है. हाजीपुर इलाके में सहनी मतदाताओं की भी बड़ी संख्या है. गंगा के कछार से लेकर सराय, भगवानपुर और महनार में भी सहनी मतदाता अपने वोट की ताकत रखते हैं.

राघोपुर के विदुपुर में रह रहे रंधीर कुमार सिंह कहते हैं, हाजीपुर में चंवर, जलजमाव और दियारा इलाके में आधारभूत सुविधाओं का अभाव है. इस ओर उम्मीदवार कभी ध्यान नहीं देते. उनके मुताबिक यहां कानून व्यवस्था भी बड़ी समस्या है.

हाजीपुर में पारस भी एक फैक्टर

हाजीपुर लोकसभा चुनाव को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद पशुपति कुमार पारस भी एक प्रमुख फैक्टर हैं. पारस को भले ही इस बार टिकट नहीं मिला हो पर, उन्होंने एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने का एलान किया है. पारस खुद इस बार भी हाजीपुर से चुनाव लड़ना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने अंतिम क्षणों तक जी जान से कोशिशें की. उनकी लाख कोशिशों के बावजूद एनडीए से चिराग पासवान को न सिर्फ हाजीपुर की सीट मिली बल्कि चार और सीटों पर समझौता भी हुआ. अब देखने की बात है कि पारस के एनडीए के साथ रहने की घोषणा के बावजूद उनके समर्थकों का रूख क्या होता है.

हाजीपुर में छह विधानसभा क्षेत्र

हाजीपुर सुरक्षित लोकसभा सीट के तहत छह विधानसभा की सीटें आती हैं. इनमें हाजीपुर और लरलगंज पर भाजपा का कब्जा है. बाकी राघोपुर, महुआ व महनार में राजद के विधायक हैं. राजापाकड़ सुरक्षित विधानसभा सीट पर कांग्रेस की प्रतिमा दास विधायक हैं.

हाजीपुर सुरक्षित सीट का 1977 के बाद से जीते उम्मीदवार

सालजीतेदल
1977रामविलास पासवानजनतापार्टी
1980रामविलास पासवानजनता पार्टी सेकुलर
1984रामरतन रामकांग्रेस
1989रामविलास पासवानजनता दल
1991रामसुंदर दासजनता दल
1996राम विलास पासवानजनता दल
1998राम विलास पासवानजनता दल
1999रामविलास पासवानजदयू
2004राम विलास पासवानलोजपा
2009रामसुंदर दासजदयू
2014रामविलास पासवानलोजपा
2019पशुपति कुमार पारसलोजपा

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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