हाजीपुर. महिला सशक्तीकरण की दिशा में पूरे जिले में 18 अप्रैल से प्रारंभ किया गया महिला संवाद महिलाओं के लिए एक विशेष अवसर के रूप में नजर आ रहा है. महिला संवाद के क्रम में महिलाएं मुखर होकर व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक आकांक्षाओं को साझा कर रही हैं. इसी का परिणाम है कि महिला संवाद कार्यक्रम का उद्घाटन से 36वें दिन 1491 स्थानों पर सफल आयोजन तक पहुंच गया है. इस कार्यक्रम में तीन लाख से ज्यादा महिलाओं की सहभागिता का आंकड़ा बताता है कि महिलाएं सरकार की योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ लेने के साथ ही सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त भी हो रही है. शुक्रवार के दिन भी जिले के सभी 16 प्रखंडों के चयनित 42 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम का संचालन हुआ. यह कार्यक्रम 18 अप्रैल की द्वितीय पाली से शुरू होकर 23 मई की द्वितीय पाली तक प्रतिदिन वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है.
जिले के 1491 ग्राम संगठनों में हुआ आयोजन
अब तक जिले भर में कुल 1491 ग्राम संगठनों में महिला संवाद का आयोजन संपन्न हो चुका है, जिसमें 03 लाख 94 महिलाओं ने भाग लिया है. इनमें से लगभग दो लाख 55 हजार 383 महिलाएं जीविका से जुड़ी हैं, जबकि 44 हजार 711 महिलाएं गैर-जीविका समूह से थी. महिलाओं ने कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया और अपनी बात खुलकर सामने रखी. कार्यक्रम का मूल उद्देश्य महिलाओं की जमीन समस्याओं, उनकी आकांक्षाओं और विचारों को समझना तथा इन्हें शासन और नीति-निर्माण की प्रक्रियाओं से जोड़ना है.संवाद के दौरान महिलाओं ने खुलकर व्यक्त की अपनी आकांक्षाएं
महिला संवाद के दौरान मुखर होकर महिलाएं अपनी समस्याओं से उपस्थित पदाधिकारियों को बता रही हैं. इसमें व्यक्तिगत समस्याओं के साथ सार्वजनिक समस्याएं भी हैं. महिलाओं की मांगों में प्रमुख रूप से पेंशन और छात्रवृत्ति योजनाएं, वृद्धा और विधवा पेंशन को 2500 प्रतिमाह करने की मांग, मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना की राशि 05 हजार तथा बालिका पोशाक योजना की राशि ढ़ाई हजार रुपये करने की आवश्यकता बतायी. आवास और स्वच्छता से जुड़ी सहायता में प्रधानमंत्री आवास योजना में सहायता राशि को तीन लाख 50 हजार करने तथा लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के अंतर्गत 25 हजार तक बढ़ाने की मांग आयी.
महिलाओं ने की स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग
महिलाओं ने महिला संवाद के दौरान स्वास्थ्य और खेल सुविधाएं, प्रत्येक पंचायत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और खेल का मैदान स्थापित किए जाने की मांग जोरदार ढंग से रखी. नल-जल योजना के अधूरे कार्यों को पूरा करने, सोलर लाइट लगाने और सभी परिवारों को प्रति माह कम से कम 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने पर बल दिया गया. जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उनके लिए कार्ड बनाने की मांग की गई, साथ ही मनरेगा के तहत मजदूरी 500 रुपये प्रतिदिन करने की बात सामने आयी.
महिलाओं ने संवाद मंच का उपयोग करते हुए गांवों में जल निकासी, सड़क और नल-जल मरम्मत, सामुदायिक भवन व पुस्तकालय निर्माण, शिक्षा व्यवस्था में सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता, स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर, और पेंशन योजनाओं की राशि बढ़ाने जैसे अनेक सामाजिक मुद्दों को आवाज दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है