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hajipur news. वोटर लिस्ट में सुधार के लिए एक अगस्त से एक सितंबर तक लिये जायेंगे दावा व आपत्ति

अभियान के तहत डीएम वर्षा सिंह ने रविवार को कई स्थानों पर मतदान संबंधी गणना प्रपत्र वितरण किया और साथ ही मतदान, मतदाता सूची संबंधी उपयोग व लाभ की विस्तृत जानकारी साझा की

हाजीपुर. आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू हो गया. इस अभियान के दौरान गणना प्रपत्र भरने का कार्य प्रारंंभ हो गया है. इस अभियान के तहत डीएम वर्षा सिंह ने रविवार को कई स्थानों पर मतदान संबंधी गणना प्रपत्र वितरण किया और साथ ही मतदान, मतदाता सूची संबंधी उपयोग व लाभ की विस्तृत जानकारी साझा की. कई स्थानों पर घूम कर डीएम ने लोगों से संवाद किया और विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान सहयोग की अपील की. इस दौरान डीएम के समक्ष ही सभी भरे गए प्रपत्रों को संग्रहित किया गया साथ ही डीएम द्वारा आवश्यक निर्देश दिया गया व सभी को शत प्रतिशत मतदान करने की अपील की गई.

वोटर लिस्ट का सघन पुनरीक्षण का कार्य हुआ शुरू

इसके बाद रविवार की शाम में डीएम वर्षा सिंह ने समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित प्रेसवार्ता में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के संबंध में जानकारी दी. प्रेस वार्ता में डीएम वर्षा सिंह ने बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वोटरलिस्ट को सौ फीसदी शुद्ध बनाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर वोटर लिस्ट का सघन पुनरीक्षण का कार्य शुरू कर दिया गया है. नये वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन 30 सितंबर को किया जायेगा. इससे पहले 26 जुलाई तक बीएलओ के द्वारा घर-घर जाकर वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने का फाॅर्म बाटेंगे और फार्म भरने में सहयोग करेंगे.

एक अगस्त से एक सितंबर तक दावा और आपत्ति लिया जायेगा. 25 सितंबर से लेकर 27 सितंबर तक दावा और आपत्ति का निष्पादन किया जायेगा. नये वोटरलिस्ट का अंतिम प्रकाशन 30 सितंबर को किया जायेगा. डीएम ने बताया कि बीएलओ बूथ लेबर ऑफिसर की भूमिका इस अभियान में अहम है क्योंकि उन्हें अपने-अपने निर्धारित क्षेत्रों में घर-घर जाकर मतदाता सूची में नाम दर्ज करने की जानकारी देनी है. इसके तहत भारत निर्वाचन आयोग के डिजिटल प्लेटफार्म पर पात्रता से संबंधित बीएलओ के माध्यम से डाटा भी अपलोड किया जाएगा. इस दौरान बीएलओ तीन बार मतदाताओं के घरों का निरीक्षण करेंगे. अगर तीनों बार बीएलओ को मतदाता नहीं मिलते हैं, तो उनका नाम ड्राफ्ट सूची से हटा दिया जाएगा. पिछली बार गहन मतदाता पुनरीक्षण वर्ष 2003 में हुआ था.

मतदाता चाहें तो बीएलओ के दिये फाॅर्म के साथ अपने दस्तावेज ऑनलाइन भी अपलोड कर सकते हैं. प्रत्येक फाॅर्म पर बीएलओ को सिफारिश देनी होगी और बीएलओ पर्यवेक्षक इनकी गुणवत्ता एवं संख्या की जांच करेंगे.

पुनरीक्षण के लिए भौतिक रूप से उपस्थित रहना जरूरी

डीएम ने कहा कि जो मतदाता इस बीच मतदाता सूची में अपने नाम का नवीकरण नहीं करा सकेंगे. उन्हें बाद में फार्म-6 में अपना डिटेल्स भर कर बीएलओ के पास जमा करना होगा. मतदाताओं को गहन पुनरीक्षण के लिए भौतिक रूप से उपस्थित रहना जरूरी है.

डीएम वर्षा सिंह ने बताया कि 2003 में जारी मतदाता सूची को ध्यान में रखकर गहन पुनरीक्षण कार्य किया जाएगा. जिन मतदाता का जन्म 01 जुलाई 1987 से पूर्व भारत में हुआ है, उन्हें अपने जन्म की तिथि एवं स्थान की सत्यता स्थापित करने हेतु केवल अपना वांछित दास्तावेज की स्व अभिप्रमाणित प्रति भरे हुए फार्म के साथ देना है. जिस मतदाता का जन्म 01 जुलाई 1987 एवं 02 दिसंबर 2024 के बीच भारत में हुआ है, उन्हें अपना और अपने माता-पिता में किसी एक का वांछित दस्तावेज की स्व अभिप्रमाणित प्रति भरे हुए फार्म के साथ होगा. 02 दिसम्बर 2004 के बाद के मतदाताओं को अपने साथ-साथ अपने माता-पिता दोनों का पहचान पत्र देना होगा, पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड एवं राशनकार्ड मान्य नहीं होगा.

डीएम बताया कि शनिवार को बीएलओ द्वारा 50 हजार फार्म वितरण किया गया है, जिसमें 5 हजार फार्म को मतदाताओं ने भरकर बीएलओ को वापस कर दिया है. राजनैतिक दलों की मौजूदगी में वेयर हाउस में ईसीआईएल के अभियंताओं द्वारा 31 मई से 25 मई तक ईवीएम वीवीपैट का प्रथम स्तरीय जांच किया गया. जिसमें 7121 बीयू में 1527 रिजेक्ट हो गया तथा 5594 सही पाया गया. वहीं, 4523 सीयू में 568 रिजेक्ट तथा 3955 सही पाया. 4444 वीवीपैट में 105 रिजेक्ट मिला और 4339 सही मिला.

इन 11 दस्तावेजों से एक की होगी आवश्यकता

1. किसी भी केंद्रीय सरकार, राज्य सरकार, पीएसयू के नियमित कर्मचारी, पेंशनभोगी को जारी किया गया कोई भी पहचान पत्र, पेंशन भुगतान आदेश.

2. 01.07.1987 से पहले भारत में सरकार, स्थानीय प्राधिकरण, बैंक, डाकघर, एलआईसी, पीएसयू द्वारा जारी किया गया कोई भी पहचान पत्र, प्रमाणपत्र दस्तावेज.

3. सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र.

4. पासपोर्ट.

5. मान्यता प्राप्त बोर्ड, विश्वविद्यालयों द्वारा जारी मैट्रिकुलेशन शैक्षणिक प्रमाण पत्र.

6. सक्षम राज्य प्राधिकरण द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाणपत्र.

7. वन अधिकार प्रमाणपत्र.

8. सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी ओबीसी, एससी, एसटी या कोई भी जाति प्रमाणपत्र.

9. नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (जहां भी मौजूद हो) .10. राज्य, स्थानीय अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया परिवार रजिस्टर.

11. सरकार द्वारा कोई भी भूमि, मकान आवंटन प्रमाणपत्र.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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