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hajipur news. 11 की जगह मात्र चार डॉक्टर, इसीजी मशीन उपलब्ध, पर टेक्नीशियन नहीं

प्रतिदिन 125-150 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं अस्पताल, इसके अलावा माह में करीब दो सौ महिलाएं प्रसव के लिए आती हैं

भगवानपुर . भगवानपुर सीएचसी इन दिनों डाॅक्टर की कमी का दंश झेल रहा है. मात्र चार डॉक्टरों के सहारे मरीजों का किसी तरह इलाज किया जा रहा है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रूपेश कुमार का कहना है कि केंद्र में डॉक्टर के 11 पद हैं. जबकि मात्र चार डॉक्टर ही पदस्थापित हैं. इन्हीं चार डॉक्टर के सहारे प्रतिदिन 125 से लेकर 150 मरीजों का ओपीडी में इलाज के लिए रजिस्ट्रेशन होता है और उपस्थित डॉक्टर समस्याओं से जूझ कर इलाज करते हैं.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा माह में करीब दो सौ महिलाएं प्रसव के लिए आती हैं. केंद्र में एक्स-रे की व्यवस्था तो है, लेकिन डिजिटल एक्स-रे नहीं होने के कारण मरीजों को कहीं और जाना पड़ता है. इतना ही नहीं केंद्र के अंतर्गत प्रखंड के पांच प्रतापटांड, हांसी मलाही, सराय पटेढा, पटेढा सराय, शंभुपुर कोआरी अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं, सभी केंद्रों पर दो-दो चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं. लेकिन, सिर्फ हांसी मलाही केंद्र पर ही दो चिकित्सक पदस्थापित हैं, बाद बाकी चार केंद्रों पर एक-एक आयुष चिकित्सक के सहारे केंद्र का संचालन हो रहा है. केंद्र पर करीब एक सप्ताह पूर्व इसीजी मशीन तो लगायी गयी, लेकिन टेक्नीशियन नहीं होने के कारण इसीजी मशीन का उपयोग नहीं हो पा रहा है.

जीएनएम के सहारे प्रसव का कार्य

वर्षों पूर्व केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवर्तित हो गया. छह बेड से तीस बेड वाला अस्पताल बन गया. लेकिन जीएनएम के सोलह पद पर मात्र पांच जीएनएम के सहारे प्रसव कार्य चलाया जा रहा है. इतना ही नहीं केंद्र का चाहार दिवारी नहीं होने के कारण केंद्र में अवांछित लोग और आवारा पशु घूमते रहते हैं. नतीजतन रात्रि के समय महिला चिकित्सक डरे सहमे रहते हैं. बताया कि केंद्र में दो दंत चिकित्सक भी पदस्थापित है. केंद्र के अंतर्गत प्रखंड क्षेत्र में 23 स्वास्थ्य उपकेंद्र संचालित है, सभी के सभी उपकेंद्र एएनएम के सहारे संचालित हो रहा है.

इमरजेंसी में पहुंचे मरीजों को कर दिया जाता है रेफर

बताया जाता है कि अस्पताल में सुविधाओं के नाम पर एचआइवी, शुगर, कालाजार, मलेरिया आदि की जांच व एक्स- रे की सुविधा उपलब्ध हैं. यहां मरीजों को सामान्य स्वास्थ्य व चिकित्सा की सुविधा तो मिल पाती है, लेकिन डॉक्टर के कमी के कारण इमरजेंसी में आए ज्यादातर मरीजों को अन्य अस्पतालों की तरह ही रेफर टू सदर अस्पताल का पर्चा थमा दिया जाता है.

क्या कहते हैं जिम्मेदार

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आ रहे मरीजों को हर तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं. अस्पताल में सभी तरह के दवाएं भी उपलब्ध हैं. चिकित्सक और अन्य कर्मियों की कमी के कारण समस्याओं से जूझते हुए भी अस्पताल में आए हुए मरीजों को हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती है.

– डॉ रूपेश कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सीएचसी, भगवानपुर

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