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hajipur news. बाढ़ प्रभावित इलाकों में परिचालन के लिए नावों का रजिस्ट्रेशन शुरू

जिले में संभावित बाढ़ को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है, बैठकों का दौर जारी है, सरकार व आपदा विभाग की ओर से अधिकारियों को निर्देश मिलने लगे हैं

हाजीपुर. जिले में संभावित बाढ़ को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है. बैठकों का दौर जारी है. सरकार व आपदा विभाग की ओर से अधिकारियों को निर्देश देना शुरू कर दिया गया है. खासकर वैसे क्षेत्र जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्र हैं. वैसे चिन्हित अंचलों में संभावित बाढ़ को लेकर मुकम्मल तैयारी चल रही है. परिवहन विभाग द्वारा भी इसे लेकर अपने स्तर पर तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं. इसे लेकर परिवहन विभाग को भी निर्देश जारी किया गया है. लालगंज, हाजीपुर, बिदुपुर, सहदेई बुजुर्ग, देसरी, महनार, पातेपुर अंचल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गंडक व गंगा नदी में छोटी-बड़ी सभी निजी नाव का निबंधन कराना होगा, बिना निबंधन नाव का परिचालन नहीं होगा. इस संबंध में डीएम के निर्देशानुसार एडीएम आपदा अरुण कुमार ने आदेश जारी कर परिवहन विभाग को निर्देश दिया है कि बाढ़ प्रभावित अंचलों में गंडक व गंगा नदी में छोटी-बड़ी सभी निजी नावों का भौतिक सत्यापन के बाद निबंधन को अनिवार्य किया गया है.

छोटी-बड़ी सभी नावों का निबंधित होना जरूरी

डीटीओ धीरेन्द्र कुमार ने कहा कि छोटे-बड़े सभी नावों का निबंधित होना जरूरी है. बिना निबंधन के गंगा व गंडक नदी में नाव नहीं चलेगी. बिना निबंधित नाव का परिचालन करते पकड़े जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. वहीं, निबंधन के बाद सभी नावों पर निबंधन नंबर प्लेट के साथ लोड मार्किंग करना व लाल झंडा लगाना सुनिश्चित करना होगा. एमवीआई ने नाव संचालकों को सख्त हिदायत करते हुए कहा कि अवैध नाव का परिचालन और ओवरलोडिंग करने वाले नाविकों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

200 रुपये प्रत्येक नाव का निबंधन शुल्क

डीटीओ द्वारा बताया गया है कि नावों के मालिक अभी से नावों का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं, समयावधि के अंदर रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. वही एमवीआई ने बताया कि अंचलाधिकारी को रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया जा चुका है. वहीं, एमवीआई राकेश कुमार ने बताया कि डीएम के निर्देशानुसार संभावित बाढ़ को लेकर नदी घाटों पर नाव का सत्यापन किया जा रहा है. नाविक द्वारा अंचलाधिकारी के पास पहुंचकर 200 रुपये प्रत्येक नाव का निबंधन शुल्क जमा कर नाव को निबंधन कराया जा सकता है. वहीं, 50 फिट से अधिक लंबाई होने की स्थिति में राज्य स्तरीय पदाधिकारी द्वारा नाव का निबंधन किया जा सकता है.

सात अंचलों में बाढ़ की रहती है आशंका

राघोपुर, हाजीपुर, बिदुपुर, लालगंज, महनार, देसरी और सहदेई बुजुर्ग अंचलों के तीन दर्जन से अधिक पंचायतों के एक दर्जन से अधिक गांव गंडक व गंगा तटबंध के अंदर बसे हैं. तटबंध के भीतर बसे इन गांव के लोगों की आवाजाही के लिए बाढ़ अवधि के दौरान गंगा व गंडक नदी के अगला तटबंध पर नाव का परिचालन होता रहा है, जो पूरे बाढ़ अवधि तक बहाल रहता है. नाव की बहाली से पूर्व एमवीआई द्वारा नाव के फिटनेस की जांच की जाती है और नाव का निबंधन किया जाता है. इसके बाद निबंधित नाव को अंचल कार्यालय द्वारा बहाल किया जाता है.

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