पटेढी बेलसर. जिले के आठ प्रखंडों में बाढ़ की तबाही लाने वाली वाया नदी से गाद (मिट्टी- बालू) निकालने का कार्य जोर शोर से शुरू है. प्राक्कलन के अनुसार नदी की तलहटी की 10 मीटर चौड़ी तथा एक मीटर गहरी खुदाई करनी है. खुदाई से प्राप्त गाद (मिट्टी,बालू) को नदी के दोनों किनारे के ऊपरी तल पर रखना है. नदी के दोनों किनारे के ऊपर मिट्टी रखने से बांध का निर्माण होना है. लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि नदी में पोकलेन मशीन से की जा रही खुदाई में गहरायी के तय मानक का पालन नहीं किया जा रहा है. एक मीटर खुदाई की जगह मात्र पांच इंच से लेकर एक फीट तक ही खुदायी की जा रही है. प्राक्कलन के अनुरूप कार्य को दिखाने के लिए नदी के दोनों किनारे की नीचे की तलहटी के गहराई दिखाने के लिए साइड से मिट्टी काट रहे है. जो देखने में एक मीटर या उससे ज्यादा गहरा दिखता है. नदी से निकाली गई मिट्टी को दोनों किनारे पर रखने के दौरान जैसे तैसे तटबंध के ढलान पर भी रखा जा रहा है. सोमवार को बेलसर थाना क्षेत्र के चकदौलत गांव में पोकलेन मशीन से हो रही उड़ाही के नाम पर खानापूर्ति देख ग्रामीण भड़क उठे. ग्रामीणों ने पोकलेन मशीन के ड्राइवर से जब खानापूर्ति करने के बारे में पूछा तो उसने कहा कि उनको इसी तरह से कार्य करने निर्देश संवेदक के मुंशी ने दिया है. जिसके बाद ग्रामीण आक्रोशित हो उठे. प्राक्कलन के अनुसार कार्य नहीं होने से आक्रोशित ग्रामीण रामबाबू सिंह, मनीष कुमार, अरुण सिंह, चंद्रिका सिंह, राकेश कुमार, चंदन कुमार, सुभाष कुमार, रत्नेश कुमार आदि ने कहा कि नदी की उड़ाही का उद्देश्य सिर्फ मुनाफा कमाना प्रतीत हो रहा है. मामले में श्यामपुर के अनिल सिंह ने कहा कि जिस तरह से उड़ाही कार्य किया जा रहा है, उससे लगता है बारिश में नदी से निकालकर दोनों छोड़ पर रखी जा रही मिट्टी पुनः नदी में ही चली जायेगी. नदी की तलहटी में मशीन से काफी कम खुदाई की जा रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
स्लोप मेंटेन के कारण कहीं ज्यादा कहीं कम कटाई की जा रही है. ताकि अच्छे से जल की निकासी हो सके. तय मानक के अनुसार 10 मीटर चौड़ा तथा 1 मीटर गहरा खुदाई करना है. मानक के अनुरूप काम नहीं होने की शिकायत मिली है. जांच की जा रही है, दोषी पर कार्रवाई की जायेगी.
– इ विजय कृष्ण, इइ, जल निस्तारण विभागडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है