गंगा नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 0.59 मीटर, तो गंडक 2.31 मीटर नीचे
हाजीपुर. नेपाल और उत्तर बिहार में लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा और गंडक नदियों का जल स्तर तेजी से बढ़ा है. पिछले दो-तीन दिनों में जल स्तर में हुई इस वृद्धि से हाजीपुर सहित जिले के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. जल निस्सरण विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, गंगा नदी का जल स्तर पटना के गांधी घाट पर बुधवार की सुबह 48.01 मीटर मापा गया है. यह खतरे के निशान से केवल 0.59 मीटर नीचे है. मंगलवार की शाम को गंगा का जल स्तर 47.84 मीटर था. इस प्रकार 12 घंटे में जल स्तर में 0.17 मीटर की वृद्धि दर्ज की गयी है. वहीं, हाजीपुर में गंडक नदी का जल स्तर बुधवार की सुबह 6.00 बजे 48.01 मीटर था, जबकि मंगलवार की शाम को यह 47.91 मीटर दर्ज किया गया था. हाजीपुर में गंडक के जल स्तर का खतरे का निशान 50.32 मीटर है. वर्तमान में गंडक नदी खतरे के निशान से 2.31 मीटर नीचे बह रही है. लालगंज में भी गंडक नदी का जल स्तर बढ़ रहा है. बुधवार की सुबह 6.00 बजे इसका जल स्तर 49.32 मीटर दर्ज किया गया. मंगलवार की शाम को यह 49.23 मीटर था. यहां खतरे का निशान 50.50 मीटर है, यानी गंडक नदी खतरे के निशान से अभी 1.18 मीटर नीचे बह रही है. हालांकि, दोनों नदियों में जल स्तर बढ़ने की रफ्तार को देखते हुए जल निस्सरण विभाग सतर्क है. प्रशासन ने भी निचले इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गयी है.वाल्मीकिनगर
से
छोड़ा
गया पानी बना वजह
विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बीते 12 घंटे में गंगा नदी का जल स्तर 14.16 मिमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ा है. वहीं, हाजीपुर में गंडक नदी 8.33 मिमी प्रति घंटे और लालगंज में 7.55 मिमी प्रति घंटे की दर से बढ़ी है. गंडक के जलस्तर में वृद्धि का कारण वाल्मीकिनगर बराज से बुधवार को छोड़ा गया 50.600 क्यूसेक पानी है. जल स्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है.
संभावित बाढ़ को लेकर निर्देश जारी
विभाग के आंकड़ों के अनुसार, हाजीपुर में गंडक नदी का खतरे का निशान 50.32 मीटर और लालगंज में 50.50 मीटर है. वर्ष 1948 में हाजीपुर में गंडक का जल स्तर 51.93 मीटर तक पहुंचा था. वहीं, 2021 में लालगंज में यह स्तर 51.82 मीटर तक दर्ज किया गया था. बीते अनुभवों को देखते हुए प्रशासन सतर्क है. संभावित बाढ़ की आशंका को लेकर डीएम वर्षा सिंह की अध्यक्षता में कई बार बैठकें हो चुकी हैं. प्रखंड स्तर पर बीडीओ और सीओ को आवश्यक तैयारियों के निर्देश दिये गये हैं. जिला प्रशासन लगातार जल स्तर पर नजर बनाये हुए है.
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