हाजीपुर. जिले के किसानों को 11 अंकों के यूनिक आइडी बनाकर अलग पहचान दी जायेगी. साथ ही किसानों से जुड़े किसी भी सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए हर किसान को अब अपना यूनिक आइडी होना अनिवार्य होगा. जिले के किसानों के लिए अब आधार कार्ड के तर्ज पर यूनिक आइडी बनाने की प्रक्रिया तेज हो चुकी है. किसानों का यूनिक आइडी बनाने में वैशाली राज्य में तीसरे पायदान पर है. 23 जून तक पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर के बाद वैशाली के विभिन्न प्रखंडों के करीब 16,287 किसानों का पहचान पत्र बनवाया जा चुका है, जबकि प्रधानमंत्री किसान सम्मान से पंजीकृत जिले में 2,04,497 लाभुक हैं. इसके विरुद्ध कृषि विभाग ने 63 हजार 365 किसानों का किसान पहचान पत्र बनवाने का लक्ष्य रखा है. इसकी शुरुआत अप्रैल माह से ही हो चुकी है. इसके बाद जिले के किसान अलग यूनिक आइडी से पहचाने जायेंगे. इसके साथ ही अब सभी किसानों का अपना-अपना डिजिटल प्रोफाइल तैयार हो जायेगा. इससे अब एक क्लिक में किसानों का सारा प्रोफाइल सामने आ जायेगा.
राजस्व विभाग किसानों के रकबा का सत्यापन करेंगे
परियोजना के तहत हर किसान को फार्मर आइडी से जोड़ना अनिवार्य है. ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे किसानों को दिया जा सके. किसानों का निबंधन कृषि और राजस्व विभाग संयुक्त रूप से करेंगी. कृषि कॉर्डिनेटर द्वारा किसानों का डिटेल राजस्व विभाग को दिया जायेगा. राजस्व विभाग किसानों के रकबा का सत्यापन करेंगे. इसके बाद डीएओ स्तर से रिपोर्ट अपलोड किया जायेगा.
किसानों का होगा एक डिजिटल रिकॉर्ड तैयार
यूनिक आईडी बनने से किसानों का एक डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होगा जिससे भविष्य में किसी भी सरकारी योजना के लिए उन्हें बार-बार दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी. जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि फार्मर आइडी के जरिए किसानों को ऋण लेने में भी सुविधा होगी और विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा सरकारी अनुदानों का भी लाभ मिलेगा. इसके अलावा किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी कृषि योजनाओं का लाभ सीधे उनके खाते में मिलेगा. इसमें किसान सम्मान निधि योजना, अनुदान पर बीज-खाद वितरण, फसल बीमा योजना, कृषि यंत्रों पर सब्सिडी और अन्य सरकारी सहायता योजनाएं शामिल हैं.
यूनिक आइडी के लिए यह आवश्यक
किसानों को यूनिक आइ कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड, आधार से लिंक्ड मोबाइल नंबर, जमीन की जमाबंदी की अद्यतन रसीद लेकर शिविर में आना होगा. सूचीबद्ध किसानों को एग्रीटैक से जोड़ा जाएगा, ताकि कोई भी किसान योजना से वंचित न हो. इसमें किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व वाले जमीन का खाता खेसरा, मोबाइल नंबर एवं आधार नंबर को मिलाकर एक संपूर्ण डाटाबेस तैयार किया जायेगा.
क्या कहते हैं जिम्मेवार
मध्य विद्यालय, अफजलपुर में चल रहे जीर्णोद्धार कार्य के संबंध में अब तक संवेदक के विरुद्ध कार्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता की कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. यदि कार्य की गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता किया जा रहा है, तो इसकी विधिवत जांच की जायेगी तथा आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी.
अभिषेक कुमार,
बीपीआरओ सह प्रभारी बीइओ, पटेढ़ी बेलसर.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है