हुलासगंज. बरसात के शुरुआती दौर में फल्गु नदी में पानी आने से किसानों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है. जून माह में पानी आना संयोग की बात कही जा रही है. जबकि पिछले वर्ष जुलाई के अंतिम सप्ताह में फल्गु नदी में पानी आया था. पानी आने के पूर्व ही बोरिंग एवं वर्षा की पानी से धान की रोपाई हो चुकी थी. उदेरास्थान बराज से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 23 हजार 185 क्यूसेक पानी बराज तक पंहुच चुका है. पानी के दबाव को देखते हुए डाउन-स्ट्रीम में नदी में पानी छोड़ दिया गया है. फिलहाल नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया है. स्थानीय लोगों के अनुसार फल्गु में पानी आने से लगातार तेजी से नीचे जा रहे भू-जल स्तर में सुधार होगी. अब पानी का लेयर बेहतर होगा जिससे न केवल पेयजल की किल्लत दूर होगी बल्कि सबसे बड़ी राहत किसानों को मिलेगी. धान के बिचड़े बचाने के जद्दोजहद कर रहे किसानों को यूं तो दो दिन पूर्व से हो रही वर्षा से राहत मिली है लेकिन फल्गु नदी में पानी आने से धान की रोपाई की तैयारी में जुटे किसानों का हौसला बुलंद हो गया है. नदी के दोनों ओर किनारों पर बसे गांवों में सबसे अधिक पेयजल की किल्लत की समस्या बनी हुई थी. अधिसंख्य घरों के चापाकल बेकार हो गया था लेकिन बताया गया कि अब एक दो दिनों के अंदर सभी चापाकलों से पानी निकलने लगेगा. जल स्तर बढ़ने से किसानों में खुशी, सांप-बिच्छू का बढ़ा खतरा घोसी. फल्गु नदी में पानी आने से नदी किनारे बसे गांवों में वाटर लेयर बढ़ जाने से किसानों का चेहरा खिल उठा है. फल्गु तटीय इलाकों में एक तरफ सांप-बिच्छू का खतरा बढ़ गया है वहीं तटीय इलाकों में भी पानी के जलस्तर बढ़ने से आसपास के गांवों में नदी के तटबंध टूटने का खतरा सताने लगा है. हालांकि पानी की रफ्तार काफी तेज है. पानी के रफ्तार तेज रहने के कारण जंगली सूअर एवं खरगोश काफी मात्रा में नदी में बहते हुए आया है. वहीं तटीय इलाके में जलस्तर बढ़ने से लोगों में खुशी भी है. वहीं धुरियारी, परावन, रतुबिगहा, माधोपुर, सिसरा, गिन्जी, कैरवां, सुकियांवा, सरमा समेत कई किसानों ने बताया कि इस वर्ष फल्गु नदी में पानी समय से आया है. किसानी कार्य करने में काफी सहायता मिलेगी.
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