जहानाबाद नगर.
विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर जिला प्रशासन द्वारा जिले के सभी पंचायतों में प्लास्टिक प्रदूषण समाप्ति अभियान का व्यापक संचालन किया गया. इस अभियान का उद्देश्य आमजन को प्लास्टिक प्रदूषण के दुष्परिणामों से अवगत कराना और इसके समाधान की दिशा में सामूहिक प्रयास को प्रेरित करना रहा. डीआरडीए के निदेशक (लेखा, प्रशासन एवं स्व-नियोजन) डॉ रोहित कुमार मिश्रा ने बताया कि यह अभियान विभागीय दिशा-निर्देशों के आलोक में संचालित किया गया है, जिसमें सभी पंचायतों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की गई. जिला सलाहकार (ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन) पिंकु कुमार ने बताया कि प्लास्टिक एक ओर जहां सुविधा की वस्तु है, वहीं इसके अत्यधिक उपयोग ने पर्यावरण, जल, मृदा और मानव स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाले हैं. माइक्रोप्लास्टिक्स हमारे पीने के पानी, भोजन और हवा के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सूजन, हार्मोनल असंतुलन और चयापचय संबंधी समस्याओं का कारण बनते हैं. नदियों और समुद्रों में प्लास्टिक कचरे के कारण जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं, जिससे जलजनित रोगों का खतरा बढ़ता है. समुद्री जीवों द्वारा प्लास्टिक के सेवन से यह हमारे खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर रहा है. प्लास्टिक कचरा मृदा की उर्वरता और जल स्रोतों को प्रभावित करता है, जिससे कृषि उत्पादों की गुणवत्ता और जैव विविधता को नुकसान होता है। प्लास्टिक में उपस्थित हानिकारक रसायन लंबे समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं और प्रदूषण फैलाते हैं.
समाधान की दिशा में प्रयास : प्लास्टिक के पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना. जैविक विकल्पों का उपयोग जैसे कपड़े के थैले, पत्तों की थाली आदि. जनसामान्य को जागरूक करना, विशेष रूप से बच्चों, युवाओं और महिलाओं को.
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