जहानाबाद नगर/कुर्था . अखंड सौभाग्य के लिए सुहागिन महिलाओं द्वारा सोमवार को वट सावित्री पर्व धूमधाम से मनाया जायेगा, जिसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. पूजन संबंधित सामग्री की खरीदारी के लिए भी सुहागिन महिलाओं की भीड़ रविवार को उमड़ पड़ी. व्रती महिलाएं रविवार को दउरा, बांस से बना पंखा, लीची, आम सहित विभिन्न सामग्री की खरीदारी के लिए बाजार पहुची, जहां महिलाओं के पर्व को लेकर उत्साह देखा गया. यह पर्व मानव एवं प्रकृति के बीच एक-दूसरे के सम्मान के साथ-साथ भरण-पोषण का भी गहरा रिश्ता दर्शाता है. वट सावित्री पर्व को लेकर बाजार में चहल-पहल बढ़ी दिखी. अखंड सौभाग्य को लेकर वट सावित्री पूजा के लिए पूजन सामग्री की खरीदारी के लिए बाजार में महिलाओं की भीड़ लगी रही. जिला मुख्यालय स्थित मुख्य बाजार के अलावे कस्बाई बाजारों तक महिला ग्राहकों की भीड़ देखी गयी. महिलाएं पूजन सामग्री में कपड़े से बने सावित्री सत्यवान की मूर्ति, लाल धागा, बांस का पंखा, डलिया आदि की खरीदारी करती देखी गयीं. इसके अलावे चूड़ियां व अन्य सामग्री की दुकानों में भी महिलाओं की भीड़ देखी गयी. देश की संस्कृति, सभ्यता एवं धर्म से वट वृक्ष का है गहरा नाताधर्म शास्त्र में वट वृक्ष को धार्मिक स्थलों का पर्याय माना गया है. धार्मिक आस्था के कारण ही ग्रामीण क्षेत्र में कई धर्म स्थान पर वट वृक्ष का अस्तित्व आज तक बरकरार है. सुहागिन पति की दीर्घायु और परिवार की सुख-शांति के लिए वट सावित्री की पूजा करती हैं. इस पर्व में वट और सावित्री दोनों का खास महत्व माना गया है. पीपल की तरह बरगद के पेड़ का भी विशेष महत्व है. पुराण के अनुसार वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों का वास होता है. व्रत में बरगद पेड़ के चारों ओार घूम कर रक्षा सूत्र बांधा जाता है. साथ ही आशीर्वाद मांगा जाता है. इस मौके पर सुहागिन एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं.
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