अरवल. बारिश नहीं होने के कारण किसान आसमान निहार रहे है. जिला में 12 दिनों से बरसात नहीं हुई है. जिसके कारण किसानों को अब सुखा का डर सताने लगा है. तीखी धूप से जहां धान के पौधे झुलस रहे हैं वहीं पानी भरकर जुताई किये खेत के कादो सूखने लगे हैं. किसानों का कहना है कि अगर कुछ दिनों और बारिश नहीं हुई तो जिले के कई क्षेत्रों में सूखे जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है. रोहणी नक्षत्र में डाले गए धान के बिचड़े तैयार हो चुके हैं. बारिश नहीं होने और पानी के अभाव में जिले के कई क्षेत्रों में धान की रोपनी प्रभावित हो गई है. कृषि विभाग द्वारा इस बार जिले में 44 हजार हेक्टेयर में धान की रोपनी कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. लेकिन, पानी के अभाव में अबतक जिले में 3 हेक्टेयर में ही धान की रोपनी हो सकी है. तीखी व चमकीली धूप को देख किसान सूखे की आशंका से चिंतित हैं. जिन किसानों ने डीजल पंप व मोटर चलाकर धान की रोपनी कर रहे है. वह कड़ी धूप से झुलस रहे धान की फसल को देख माथा ठोक रहे हैं. जिन किसानों ने पानी के अभाव में अबतक रोपनी नहीं की है वह आगे रोपाई कैसे हो सोंचकर परेशान हैं. किसान रविंद्र सिंह, सुनील कुमार, अभय महतो, रंजन यादव, राजन वर्मा, गौतम शर्मा ने बताया कि अगर बारिश नहीं हुई तो खेतों में रोपे गए धान के पौधे सिंचाई के अभाव में सूख जाएंगे और खाली खेतों में धान की रोपनी भी नहीं हो पाएगी. जिले के किसानों को दोनों तरफ से नुकसान की आशंका घेरने लगी है. उनका कहना था कि अगर बारिश नहीं हुई और फसल की सिंचाई नहीं की गई तो खेतों में रोपे गए धान के पौधे सूख जाएंगे जिससे पूंजी डूब जायेगी. ऐसा हुआ तो किसान अन्न के दाने को मोहताज हो जायेंगे.
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