जहानाबाद.
नगर परिषद क्षेत्र में शहर के पूर्वी ऊंटा के इलाके में बारिश के बाद से हालत नारकीय हो गयी है. पूर्वी ऊंटा में प्राचीन देवी मंदिर के पूर्वी छोर के ज्यादातर मुहल्ले का यही हाल है. प्राचीन देवी मंदिर से पूरब की आधी गली में ही खड़ंजा हुआ है. आधी गली अभी वैसी ही है. प्राचीन देवी मंदिर की आधी गली के बाद माले ऑफिस तक गली का निर्माण नहीं हुआ है.
गली कच्ची है, जिसके किनारे नाली का निर्माण कर उसे पर ढलाई की गयी है. पूरी गली कच्ची होने के कारण उस पर बारिश के बाद हालत यह है कि कोई उस पर पैदल नहीं चल सकता है. पानी पड़ने के बाद गली में उत्पन्न हुए कीचड़ में बाइक का भी चक्का नीचे धंस जाता है, जिसके कारण बाइक सवार भी उसमें चलने से डरते हैं. पैदल चलने वाले लोग गली के बगल में बनी नाली के ऊपर ढलाई से आते-जाते हैं, जिसके कारण शहर के पूर्वी ऊंटा इलाके में स्थित प्राचीन देवी मंदिर से लेकर माले कार्यालय तक जाने वाली गली की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है. बरसात शुरू होते ही इस मार्ग पर गहरे गड्ढे, कीचड़ और जलजमाव का साम्राज्य हो जाता है जिस पर आमजन का चलना भी दूभर हो गया है. इस इलाके में प्राचीन देवी मंदिर के बगल से आधे क्षेत्र में गली है. जबकि उसके आगे-आगे क्षेत्र में यह सड़क इतना चौड़ा है.
यह सड़क शहर के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ती है. यह सड़क आगे जाकर माले कार्यालय से दक्षिण में बाल्टी फैक्ट्री रोड में मिल जाती है. प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु, स्थानीय नागरिक, छात्र और कर्मचारी इस रास्ते से गुजरते हैं, इसके बावजूद नगर परिषद की ओर से अब तक कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया गया है. आम दिनों में भी नाली का पानी बीच सड़क पर आकर उसमें कीचड़ उत्पन्न कर देता है. बारिश होने के बाद तो स्थिति नारकीय की हो जाती है, जिस पर पैदल चलना संभव मालूम नहीं पड़ता है. मुहल्ले के लोगों का कहना है कि इस सड़क की स्थिति वर्षों से खराब है. पहले बारिश में यहां पर परमानेंट मोटर पंप लगाया जाता था, जिससे बारिश का पानी सड़क पर जमने पर उसे पंप के सहारे बाहर निकाला जाता था. हालांकि इस साल अभी मोटर पंप नहीं लगा है. हर साल चुनाव के समय प्रत्येक जनप्रतिनिधि और नेताओं के द्वारा वादा किया जाता है कि इसे चुनाव के बाद बनाया जाएगा किंतु चुनाव के बाद जीत मिलने पर नेताओं का वादा केवल भाषणों तक सीमित ही रह जाता है. लोग बताते हैं कि इस सड़क पर बरसात में पैदल चलना जोखिमभरा काम है. कई लोग इस पर फिसल कर गिर चुके हैं. इसी मार्ग पर सदियों पुराना देवी मंदिर है, जहां कई मोहल्ले के लोग पूजा व धार्मिक आयोजनों के लिए जुटते हैं, वहीं दूसरी ओर माले कार्यालय जैसे राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र है, बावजूद इसके इस सड़क की दशा बताती है कि नगर निकाय द्वारा बुनियादी सुविधाओं को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बनायी जा रही. सबसे ज्यादा परेशानी इन इलाके के मुहल्ले के बच्चों को होती है. अकेले इधर से बच्चों का गुजरना जोखिम भरा काम है. स्कूल ले जाने के लिए बच्चों के गार्जियन हाथ पड़कर उसे इस इलाके से पार करते हैं. पूर्वी ऊंटा क्षेत्र और वार्ड नंबर के 9 के विभिन्न मुहल्ले के लोगों ने कई बार इस सड़क और गली के निर्माण के लिए आंदोलन भी किया है. व्यवस्थित जल निकासी की व्यवस्था करने की मांग की है. चौड़ी सड़क का पक्की कारण कर उसे बाल्टी फैक्ट्री रोड में मिलने की भी मांग की गई है, बावजूद इसके अभी तक इसके निर्माण की कोई योजना पारित नहीं हुई है. अभी भी यह इलाका विकास की प्रतीक्षा की वाट जोह रहा है. जबकि नगर परिषद का कहना है कि इस मुहल्ले के कुछ हिस्सों का विकास किया गया है. बाकी के हिस्से में विकास की योजना अभी विचाराधीन है.
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