जहानाबाद नगर. गांधी मैदान में ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम अंतर्गत जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मंत्री, ग्रामीण कार्य विभाग सह प्रभारी मंत्री अशोक चौधरी उपस्थित रहें. यह कार्यक्रम बिहार सरकार द्वारा ग्रामीण अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण के लिए 12 मई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आरंभ किए गए पथ सुदृढ़ीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत रखा गया था. कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ. उद्घाटन के बाद जीविका दीदियों द्वारा स्वागत गीत एवं बिहार गीत प्रस्तुत किया गया, जिसने आयोजन को सांस्कृतिक गरिमा प्रदान की. कार्यक्रम के दौरान माननीय मंत्री अशोक चौधरी द्वारा 188 ग्रामीण सड़क योजनाओं का लोकार्पण किया गया. इन योजनाओं की कुल लंबाई लगभग 309.70 किलोमीटर है तथा इन पर अनुमानित लागत 250.61 करोड़ है. इन योजनाओं के माध्यम से जहानाबाद जिला अब गया, अरवल, पटना, नवादा जैसे आस-पास के जिलों से बेहतर संपर्क में आ गया है, जिससे आम जनों के आवागमन में तीव्रता और सुविधा बढ़ी है. ग्रामीण सड़कें ग्रामीण विकास का प्रमुख आधार हैं और सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक प्रगति का सशक्त माध्यम हैं. इन सड़कों के निर्माण से विद्यालय, अस्पताल, कृषि मंडी, कार्यालय, रोजगार केन्द्र आदि तक सरल और त्वरित पहुंच सुनिश्चित हुई है. आवागमन की सुलभता से समय और संसाधनों की बचत के साथ-साथ महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को भी विशेष लाभ प्राप्त हो रहा है. ग्रामीण कार्य विभाग के अधीन संचालित ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम को राज्य सरकार द्वारा 14 नवंबर को मद संख्या-3 के रूप में स्वीकृति प्रदान की गयी थी. इस योजना के अंतर्गत जहानाबाद जिला अंतर्गत कुल 188 पथों की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से प्रमुख सड़कों में एनएच-110 से एसएस कॉलेज पथ, आदमपुर-असिया-महाबदा पथ, घोसी-परावन से रूपदेवबिगहा पथ, दमुहा-सलेमपुर-लान्जो पथ, अबगीला पथ, गौहरपुर से भलुओं पथ एवं ओकरी से पहाड़पुर पथ शामिल हैं. इन पथों का निर्माण कार्य प्रगति पर है और इनसे लगभग 40,000 से अधिक आबादी को लाभ होगा. इस योजना में यह प्रावधान किया गया है कि सभी पथों पर दो बार कालीकरण किया जाएगा और अगले 07 वर्षों तक उनकी सवारी गुणवत्ता बनाए रखने हेतु संवेदकों को उत्तरदायी ठहराया गया है. साथ ही सभी संवेदकों को रैपिड रोड रिपेयर व्हीकल रखना अनिवार्य कर दिया गया है ताकि मरम्मत समयबद्ध और मानक के अनुसार हो सके. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के अंतर्गत स्वीकृत 08 पुलों की भी जानकारी दी गई. इन पुलों की कुल लंबाई 470.82 मीटर एवं अनुमानित लागत 38.40 करोड़ है, जिनमें से 07 पुलों का कार्यादेश निर्गत किया जा चुका है. इनमें मई गुमटी से पारस बिगहा पथ, जय बिगहा–पतियावां पथ, किन्दुई रीता बिगहा पथ और बरावों–बीवीपुर–कोशियावां पथ शामिल हैं. इसी प्रकार मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) के अंतर्गत उन टोलों और बसावटों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है जिनकी आबादी 100 या उससे अधिक है और जो अभी तक किसी भी पक्की सड़क से नहीं जुड़े हैं. इस योजना के अंतर्गत 25 पथ और 01 पुल कुल लंबाई 45.72 किमी, लागत 59.31 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है. कार्यक्रम में सुलभ सम्पर्कता योजना के अंतर्गत दो प्रमुख योजनाओं की भी चर्चा हुई – एनएच-110 से कोरमा मेडिकल कॉलेज होते हुए कल्पा किनारी रोड (1.10 किमी), जो एक बाईपास के रूप में कार्य करेगा और अरवल-पाली की दूरी को 20 किमी तक कम करेगा और मखदुमपुर बराबर पथ से बराबर पावर ग्रिड सिढ़ी तक संपर्क पथ (5.25 किमी), जिससे पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों को आवागमन में सुगमता होगी. कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय मंत्री अशोक चौधरी ने की. इस अवसर पर विधायक रामबली सिंह यादव, सतीश कुमार, विधान पार्षद अनिल कुमार, जिला कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष सागर कुमार उर्फ दिलीप कुशवाहा एवं अजय देव, नगर परिषद अध्यक्षा रूपा देवी, डीएम अलंकृता पांडेय, एसपी विनीत कुमार, मुख्य अभियंता-2 (गया), ग्रामीण कार्य विभाग अनिल कुमार, अधीक्षण अभियंता, औरंगाबाद कार्य अंचल प्रेम प्रकाश रंजन, आप्त सचिव संजीव कुमार, जदयू नेता निरंजन केशव प्रिंस सहित कई जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे. कार्यक्रम के समापन पर सभी अतिथियों ने ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की सराहना की तथा इन्हें जन-जीवन के सुधार, क्षेत्रीय विकास एवं मुख्यमंत्री के 05 घंटे में राजधानी संपर्क के लक्ष्य को साकार करने वाला प्रभावी कदम बताया. मंत्री द्वारा सभी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए विभागीय अभियंताओं एवं जिला प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए.
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