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साइकिल चलाना स्वास्थ्य व प्रदूषण दोनों के लिए लाभदायक : बीडीओ

मंगलवार को प्रखंड मुख्यालय परिसर में विश्व साइकिल दिवस मनाया गया. इसका शुभारंभ प्रखंड विकास पदाधिकारी संजय कुमार दास ने साइकिल चलाकर किया.

मोहनिया सदर. मंगलवार को प्रखंड मुख्यालय परिसर में विश्व साइकिल दिवस मनाया गया. इसका शुभारंभ प्रखंड विकास पदाधिकारी संजय कुमार दास ने साइकिल चलाकर किया. उन्होंने उपस्थित कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि लगभग चार दशक पीछे साइकिल काफी प्रचलन में थी. लोग 20 से 30 किलोमीटर की यात्रा साइकिल से ही करते थे. उस समय लोगों का शरीर भी काफी स्वस्थ रहता था. साइकिल चलाना मनुष्य के स्वास्थ्य व प्रकृति सभी के लिए लाभदायक है. इसलिए अधिकांश व्यक्ति को साइकिल का उपयोग अधिक से अधिक करना चाहिए, उन्होंने घटती साइकिल पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि वातावरण को शुद्ध रखने में साइकिल बहुत कारगर साबित होता है. कम दूरी के लिए यात्रा का यह एक ऐसा साधन है, जिससे प्रदूषण फैलने का कोई खतरा नहीं रहता है. आसानी से लोग 20 से 30 किलोमीटर की दूरी तय कर लेते हैं. स्वास्थ्य के साथ पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है. हम लोगों को चाहिए कि अधिक से अधिक साइकिल का प्रयोग करें और अपने आप को स्वस्थ और निरोग रखें. # डीजल, पेट्रोल व सीएनजी पर खर्च होगा कम उन्होंने कहा 21वीं सदी में लोग साइकिल से दूर होते जा रहे हैं, जितनी तेजी से जनसंख्या बढ़ रही है उतना ही तेजी से मोटरसाइकिल सहित अन्य वाहनों की मांग बढ़ रही है. इसका नतीजा है कि डीजल, पेट्रोल और सीएनजी की कीमतों में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है. इनके अधिक प्रयोग से हमारा वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है. आज हवा बिल्कुल दूषित होती जा रही है. बड़े शहरों में तो सांस लेना भी कठिन होता जा रहा है. इसका नतीजा है कि टीबी, कैंसर सहित तमाम तरह की संक्रामक बीमारियां वायु प्रदूषण की वजह से बढ़ती जा रही है. # सड़क दुर्घटनाओं में आयेगी कमी अपने संबोधन में बीडीओ ने कहा कि अपने दैनिक जीवन में साइकिल को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है. साइकिल का अधिक प्रयोग करने से आये दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयेगी. यदि हम चार दशक पीछे के आंकड़ों पर नजर डालें तो सड़क दुर्घटनाएं काफी कम होती थी. क्योंकि अपने गांव से बाजार जाने के लिए या रिश्तेदारी में जाने आने के लिए लोग साइकिलों का प्रयोग अधिक करते थे. आज के दौर में कोई साइकिल से या फिर पैदल चलना ही नहीं चाह रहा है. यदि दो-चार किलोमीटर भी जाना है तो उसे मोटरसाइकिल या अन्य वाहन की जरूरत पड़ती है. यही कारण है कि लोगों के पैरों में भी असमय दर्द जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं. अधिकांश लोग न तो साइकिल चलाना पसंद करते हैं और न ही पैदल चलना चाहते हैं, जबकि व्यायामशाला में जाने के बाद लोग अपने स्वास्थ्य को सही रखने के लिए साइकिल चलाते हैं. लेकिन अपने दैनिक जीवन में कम दूरी के बीच यात्रा करने के लिए साइकिल का प्रयोग करने में लोग झिझक रहे है. खासतौर पर युवा वर्ग तो साइकिल से कहीं जाने- आने में शर्मिंदगी महसूस करते है. # 80 के दशक में साइकिल का था बोलबाला उन्होंने कहा कि 80 और 90 के दशक में साइकिल का काफी महत्व था. एक निम्न व मध्यम वर्गीय परिवार में यदि बेटी की शादी तय होती थी, तो दामाद को लोग साइकिल, रेडियो और घड़ी दिया करते थे. कहीं सड़क पर कुछ समय के लिए भी जाम लगा तो मोटरसाइकिलों की भरमार लग जाती है, जबकि गरीब परिवार मोटरसाइकिल का खर्च वहन करने में सक्षम नहीं है, फिर भी वह शादी में मोटरसाइकिल की ही मांग करता है. इस दौरान कई कर्मी उपस्थित रहे. # विश्व साइकिल दिवस पर तेजी से घटती साइकिल पर जतायी चिंता साइकिल का प्रयोग करें और अपने आप को स्वस्थ व निरोग रखें.

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