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बदहाल सीवों वितरणी के पानी से पटवन को लेकर फिर जूझेंगे किसान

जिला मुख्यालय से गुजर रहे सीवों वितरणी के पानी को लेकर इस साल भी किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पडेगा. बीहन डालने का समय आ चुका है

भभुआ. जिला मुख्यालय से गुजर रहे सीवों वितरणी के पानी को लेकर इस साल भी किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पडेगा. बीहन डालने का समय आ चुका है, बावजूद इसके सीवों वितरणी की सफाई का काम अब तक सोन उच्चस्तरीय नहर प्रमंडल भभुआ द्वारा शुरू नहीं कराया जा सका है. गौरतलब है कि सोन नहर उच्च स्तरीय नहर केनाल का पानी भाया बसंतपुर से भगवानपुर सुवर्णा नदी में गिराया जाता है. यहां से चले इस पानी को रोकने के लिए भभुआ प्रखंड के पहडियां में सरकार द्वारा बांध बांधकर इस पानी को भाया भैरोपुर गांव होते सीवों वितरणी में पटवन के लिए किसानों को उपलब्ध कराया जाता है. यह सीवों वितरणी भैरोपुर, सीवों गांव से होते जिला मुख्यालय भभुआ शहर के पश्चिमी भाग से निकलकर उत्तरी क्षेत्र के कई गांवों से गुजरती है. मिलाजुला कर इस वितरणी पर सिकठी, भेकास, कलौंज, चांदो रूइयां, मोहम्मदपुर, बहेरी, अखलासपुर सहित लगभग तीन-चार दर्जन गांवों के बधार का पटवन होता है. लेकिन, वर्तमान में इस सीवों वितरणी में बेहाया सहित तमाम झाड़ियां उग कर वितरणी को चारों तरफ से छेंक रखी हैं. यही नहीं शहर से गुजर रहे इस वितरणी के किनारे रहने वाले लोगों के कूडा करकट और गोबर पानी के गंदगी से वितरणी का वन विभाग के सामने तथा पटेल चौक की पुलिया पूरी तरह जाम हो चुका है. शहर के नाले का पानी भी इस जाम के कारण नहीं निकल पा रहा हैं. इसके कारण फिलहाल पटवन की बात कौन करे बदबू के कारण वितरणी के दोनों किनारों पर रहने वाले लोगों का बदूब के मारे बुरा हाल हो चुका है. लेकिन, सोन उच्च स्तरीय नहर प्रमंडल भभुआ द्वारा इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. इधर, किसानों का कहना है कि विभाग द्वारा वितरणी की सफाई शहर से उत्तर कभी भी ठीक से नहीं करायी जाती है. सफाई के नाम पर बेहाया की झाडियां तो काट दी जाती हैं, लेकिन वितरणी के गाद की सफाई नहीं कराने से कई आउट लेट पर लगे होम पाइप से पटवन के लिए पानी नहीं मिल पाता है. इस तरह सफाई के नाम पर विभाग कोरम पूरा करके निकल जाता है. – क्या कहते हैं पदाधिकारी इधर, इस संबंध में सोन उच्च स्तरीय नहर प्रमंडल भभुआ के कार्यपालक अभियंता हरिनाथ बैठा से बात की गयी तो उनका कहना था कि हमें मीडिया में बयान देने से मना किया गया है. आप अधीक्षण अभियंता या मुख्य अभियंता से बात करें. अधीक्षण अभियंता से जब बात की गयी तो उनका कहना था कि यह मामला नगर निगम के नाले का है. लेकिन, जब उन्हें याद कराया गया कि यहां नाले की नहीं वितरणी की बात हो रही है, जिसकी सफाई आपका विभाग करते रहा है, तो उनका कहना था कि अच्छा बाद में देखेंगे. इन्सेट सोन नहर की 21 वितरणियों की मरम्मत नहीं हुई शुरू भभुआ. खरीफ सीजन शुरू हो चुका है. रोहणी नक्षत्र का नौतपा भी आज समाप्त हो रहा है. किसान बीहन डालने के लिए खेतों में हल उतार चुके हैं. लेकिन, मई माह के चौथे सप्ताह के आरंभ होने तक सोन उच्च स्तरीय नहर प्रमंडल भभुआ के कुल 21 वितरणियों की मरम्मत का काम शुरू ही नहीं किया जा सका था. हालांकि, कार्यपालक अभियंता हरिनाथ बैठा द्वारा रविवार को कोई बयान दिये जाने से इंकार करने के बाद इसकी अद्यतन स्थिति की जानकारी तो नहीं मिल सकी, पर मई माह के तीसरे सप्ताह में सोन उच्च स्तरीय नहर के कार्यपालक अभियंता द्वारा बताया गया था कि सरकार को सोन नहर के 21 वितरणियों की मरम्मत का प्रस्ताव और प्राक्कलन भेजा जा चुका है. इसमें से पांच वितरणियों की मरम्मत का निर्देश दिया गया है, लेकिन अब तक इन पांच वितरणियों की मरम्मत को लेकर प्रशासनिक स्वीकृति विभाग को नहीं प्राप्त हुई है. इससे इन पांच वितरणियों का काम भी शुरू नहीं कराया गया है. फिलहाल इस सिंचाई व्यवस्था का आलम यह है कि कहीं गाद से वितरणियों की पेटी भरी हुई है, तो कहीं तटबंध जर्जर होकर बिखर रहे है, तो कहीं होम पाइप टूटा हुआ है, तो कहीं सुरक्षा दीवार ही क्षतिग्रस्त है. इन्सेट 2 किसानों को नहीं मिलेगा नहर का पानी भभुआ . खरीफ सीजन में धान के बीहन डालने का सर्वोत्तम नक्षत्र माने जाने वाला रोहणी का समय गुजर जायेगा. लेकिन, जिले के सिंचाई व्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले सोन उच्च स्तरीय नहर केनाल से किसानों को इस नक्षत्र में एक बूंद भी पानी नहीं मिलने जा रहा है. ऐसे में अगर ऊपर वाले ने भी आंख बंद और वर्षा ने जवाब दिया, तो किसानों को एक एक दाने के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. गौरतलब है कि सोन नहर से जिले के विभिन्न प्रखंडों में किसानों को टेल तक पानी देने के लिए करमा, अलिपुर, सूवरन आदि सहित साढ़े तीन दर्जन से ऊपर माइनर और वितरणियों का जाल बिछा हुआ है. लेकिन, समय से मरम्मत नहीं कराये जाने के कारण इन वितरणियों व माइनरों से किसानों को टेल तक पानी नहीं मिल पाता है और किसान फसल के पटवन को लेकर छटपटाने लगते हैं. नहर बांधे जाने लगते हैं. लाठियां तन जाती हैं और किसान मारपीट पर भी उतारू हो जाते हैं. = बीहन डालने का आया समय, पर अब तक वितरणी की नहीं हुई सफाई = सोन उच्चस्तरीय नहर केनाल की कई वितरणियों की सफाई का काम अब तक है लटका कूड़ा करकट से वितरणी का वन विभाग के सामने व पटेल चौक की पुलिया जाम

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