रामपुर.
भारतमाला एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए जिले के पांच प्रखंड से किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है. किसानों को उचित मुआवजा सरकार से नहीं दिया जा रहा है़ इससे नाराज पांचों प्रखंड के किसानों ने मंगलवार को पसाई में किसान संघर्ष मोर्चे की बैठक की़ इसकी अध्यक्षता विमलेश पांडेय व संचालन पशुपति सिंह ने किया. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि हमलोगों को अपने बाल बच्चों के लिये अंतिम लड़ाई लड़नी है. पैसा पाने के लिये कई किसानों ने भू-अर्जन कार्यालय में कागजात जमा करा दिये हैं. लेकिन, अभी तक मात्र 15-20 किसानों को ही पैसा मिला है. सरकार किसानों से कागजात लेना चाहती है़ इसके बाद पैसा देना नहीं देना चाहती है. जिला प्रशासन कागजात जमा करा कर किसानों की भूमि अधिग्रहण करना चाहती है. इसके साथ ही एक जिला एक प्रकृती, एक भूमि व एक मुआवजा की मांग सरकार से करने के लिए बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया. इसको लेकर पटना में 25 अगस्त को सीएम आवास का घेराव करने का बैठक में निर्णय लिया गया़ इसमें कैमूर जिले से एक हजार किसान भाग लेंगे. इसके अलावा रोहतास व औरंगाबाद जिो से भी काफी संख्या में किसान भाग लेंगे. दस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा सीवों मौजा में किसानों को एक करोड़ 30 लाख रुपये प्रति एकड़ देने की घोषणा की गयी है. जबकि अन्य मौजा के प्रभावित किसानों को 30 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जा रहा है़ इस प्रकार की विसंगति हम किसान कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे. किसानों ने कहा कि जब तक सिवो मौजा के हिसाब से मुआवजा हम सभी लोगों को नहीं मिलेगा तब तब हम लोग अपने कागजात जमा नही करेंगे और न ही मुआवजा लेंगे. इसके लिये जिला प्रशासन जो भी रवैया अपनाये हमलोग तैयार है. बैठक में अनिल सिंह, तिलेश्वर दुबे, टुनटुन सिंह, सुनील सिंह, ददन सिंह, रामाकांत, मंशा जी, मनोज तिवारी, रामाशंकर तिवारी राजनाथ कुशवाहा, जमुना राम, बिकी सिंह, केशव राय सहित सैकड़ों किसानों ने भाग लिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है