घनी झाड़ियों से घिरा है कन्हुआ गांव, सांपों के आतंक से लोगों में दहशत
मृतक में युवक व एक वृद्ध महिला शामिल, कई सांपों को लोगों ने पकड़वाया
प्रतिनिधि, मोहनिया सदर.
रामगढ़ थाना क्षेत्र के कन्हुआ गांव में इन दिनों जहरीले सांपों की आतंक है. जिससे से लोग रात तो क्या दिन में भी दहशत के साये में जी रहें है. दरअसल इस गांव में 14 से 31 जुलाई 2025 यानि 17 दिनों में जहरीले सांपों ने आठ लोगों को काटा है, जिसमें दो युवती, तीन महिला व तीन युवक शामिल हैं. जिसमें दो लोगों की मौत हो गयी, जबकि छह लोगों की जान बच गयी है. जानकार बताते हैं कि कन्हुआ गांव का मुख्य मार्ग व गांव घनी झाड़ियों से घिरा हुआ है. इसके कारण इलाके में सांप अधिक है, ऐसे में रात तो दूर दिन के उजाले में भी लोग अकेले झाड़ियों के बीच से होकर गुजरे पथ से आवागमन करने में डरते है. 17 दिनों के अंदर जिस तरह आठ लोगों को जहरीले सांपों ने डसा है, उससे ग्रामीणों में डर का माहौल है. वहीं इससे बचने के लिए ग्रामीण तरह-तरह के उपाय भी कर रहे हैं. ग्रामीण ने सांपों के कहर से बचने के लिए झाड़ फूंक करने वाले बाबा के कहने पर एक स्थान पर जाकर नागपंचमी के दिन पूजा भी करायी.31 जुलाई को कमला देवी की सांप काटने से गयी जान
इसके बाद 31 जुलाई को सुरेंद्र सिंह की वृद्ध पत्नी कमला देवी को उनके घर के अंदर उस समय एक सांप ने डंस लिया, जब वह कुठली में रखें चावल को निकालने के दौरान नीचे गिरे चावल को हाथ से निकाल रहीं थी. सांप काटने के बाद परिजन उसे पहले झाड़-फूंक कराने के लिए किसी गांव लेकर गये, लेकिन, हालत में सुधार नहीं होता देख सीएचसी नुआंव ले गये, जहां स्थिति गंभीर देखते हुए चिकित्सक ने भभुआ रेफर कर दिया.बाद में भभुआ पहुंचने पर चिकित्सक ने कमला देवी को मृत घोषित कर दिया. इससे लगभग एक सप्ताह पूर्व नागेश्वर राम के 23 वर्षीय पुत्र अमन कुमार को जहरीले सांप ने काट लिया था, जिसका इलाज कराने के बजाय परिजन झाड़फूंक कराने लगे, जिससे उसकी मौत हो गयी.एक साप पकड़ने के बदले 500 रुपये तक लेते हैं सपेर
ेकन्हुआ के ग्रामीण श्रीभगवान ने बताया कि 14 जुलाई को सबसे पहले हमारी बस्ती में राम एकबाल राम की 35 वर्षीय दीपा देवी को सांप ने काटा, इलाज के बाद वह ठीक हो गयी. लेकिन, उसके बाद तो सांपों के काटने का सिलसिला ही शुरू हो गया, दो से तीन दिन के अंतराल पर एक के बाद एक 31 जुलाई तक आठ लोगों को सांपों ने डंसा, जिसमें सबसे अधिक महादलित बस्ती के सात लोग शामिल हैं. सांपों के आतंक का खौफ पूरे गांव में छा गया है, सपेरा बुलाकर अब तक कई जहरीले सांपों को पकड़वाया भी जा चुका है. लेकिन, सपेरे जिसके घर के पास से गुजर रहे हैं, उनके ही घरों में सांप होने की बात कह रहे हैं. हमलोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि इतने सांप हमलोगों के गांव में कहां से आ गया है और कितने सांपों को पकड़वाया जाये, एक सांप पकड़ने के एवज में सपेरे 500 से 1000 रुपये की मांग कर रहे हैं.इलाज कराने की जगह लोग करा रहे झाड़-फूंक
ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी जागरूकता का काफी अभाव है. सर्पदंश की घटना के बाद लोग पीड़ित को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की बजाय झाड़ फूंक कराने के लिए बाबा, गुनी के पास लेकर जाते हैं, जो सबसे अधिक घातक है. समय से इलाज नहीं हो पाने के कारण लोगों की जान जा रही है. जबकि, सरकारी अस्पतालों में सांप काटने के बाद नि:शुल्क एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन लगाया जाता है, यदि समय रहते व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाया जाए, तो उसकी जान बचायी जा सकती है. सांप के काटने से सबसे अधिक मौत का कारण व्यक्तियों के अंदर डर का होना भी बताया जाता है. सांप काटने के बाद पीड़ित व्यक्ति इतना डर जाता है कि उसका ब्लड प्रेशर काफी बढ़ जाता है, जिससे हार्ट अटैक या ब्रेन हेमरेज से उसकी मौत होने की आशंका प्रबल हो जाती है. इससे बचने का एक ही विकल्प है, पीड़ित को जितना जल्दी हो सके इलाज के लिए अस्पताल लेकर जाये, न कि झाड़ फूंक के चक्कर में समय बर्बाद करें.कन्हुआ में 17 दिन में इन लोगाें सांपों ने डसा
1- दीपा देवी- उम्र 35 वर्ष, पति राम एकबाल राम2- पूनम देवी- उम्र 40 वर्ष, पति श्रीभगवान राम3- अंकित कुमार-उम्र 17 वर्ष, पिता श्रीभगवान राम4- अमन कुमार- उम्र 23 वर्ष, पिता नागेश्वर राम5- प्रिती कुमारी-उम्र 16 वर्ष, पिता भगवान राम6- सोनी कुमारी-उम्र 20 वर्ष, पिता सूरज राम7- गुलशन कुमार-उम्र 16 वर्ष, पिता रामबचन राम8- कमला देवी-उम्र 60 वर्ष, पति सुरेंद्र सिंहडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है