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आर्बिट्रेटर के फैसले के खिलाफ एनएचएआइ गया कोर्ट

KAIMUR NEWS.बनारस- रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य में एक बाधा को किसी तरह राज्य के मुख्य सचिव से लेकर जिले के अधिकारी लगकर अभी दूर ही कर रहे हैं, तभी दूसरी बाधा उनके सामने आकर खड़ी हो जा रही है.

आर्बिट्रेटर के आदेश में व्यावसायिक मानी गयी जमीन के मुआवजे को एनएचएआइ ने नहीं दी मंजूरी

जिला प्रशासन ने व्यावसायिक मानी गयी जमीन पर अभी काम नहीं करने का लिया है निर्णय

मुआवजे में तेजी के बाद दोबारा बनारस-कोलकाता एक्सप्रेसवे का शुरू हुआ है काम

प्रतिनिधि, भभुआ कार्यालय.

बनारस- रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य में एक बाधा को किसी तरह राज्य के मुख्य सचिव से लेकर जिले के अधिकारी लगकर अभी दूर ही कर रहे हैं, तभी दूसरी बाधा उनके सामने आकर खड़ी हो जा रही है. अब एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण में नयी बाधा के रूप में व्यावसायिक जमीन को लेकर सामने आ गयी है. प्रथम चरण में जमीन अधिग्रहण के दौरान जिस जमीन को कृषि योग्य बताते हुए मुआवजा का निर्धारण किया गया था, उसके खिलाफ जमीन मालिकों ने ऑर्बिट्रेटर के यहां अपील की थी. आर्बिट्रेटर में सुनवाई के दौरान पहले चरण में कृषि योग्य मानी गयी कई जमीनों को व्यवसायिक बताते हुए व्यावसायिक दर पर मुआवजा भुगतान का आदेश पारित किया था. आर्बिट्रेटर के फैसले के अनुसार व्यावसायिक जमीन के लिए निर्धारित दर के अनुसार मुआवजा निर्धारित कर पंचाट मंजूरी के लिए एनएचएआइ को भेजा गया था, जिसे एनएचएआइ ने मंजूरी नहीं दी है और आर्बिट्रेटर के फैसले के खिलाफ कोर्ट चली गयी है. जिला भू अर्जन पदाधिकारी संजीव कुमार सज्जन ने बताया कि जमीन मालिकों के दायर अपील पर आर्बिट्रेटर ने सुनवाई के बाद कृषि योग्य जमीन के सर्किल रेट को करीब दोगुना कर दिया है. जिस पर निर्धारित मुआवजे के दर को एनएचएआइ ने मंजूरी भी दे दी थी और उस पर भुगतान भी किया जा रहा है. लेकिन, आर्बिट्रेटर में जिन जमीनों को व्यवसायिक मानते हुए व्यावसायिक दर पर भुगतान करने का आदेश जारी किया है, उसे एनएचएआइ नहीं मानते हुए उस आदेश के खिलाफ कोर्ट चली गयी है.

व्यावसायिक मानी गयी जमीन पर अभी नहीं होगा काम

इधर, बनारस- रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य दोबारा शुरू हो गया है. अभी बेतरी मौजा में अधिग्रहित जमीन पर काम किया जा रहा है. जिला भू अर्जन पदाधिकारी संजीव कुमार सज्जन ने बताया कि बेतरी मौज में भी कई जमीनों को आर्बिट्रेटर में व्यावसायिक मानते हुए व्यावसायिक दर पर भुगतान का आदेश पारित किया है. लेकिन, व्यावसायिक दर पर मुआवजा भुगतान की मंजूरी एनएचएआइ के द्वारा नहीं दी गयी है. इसके बाद जिला प्रशासन में यह निर्णय लिया है कि जिन जमीनों को आर्बिट्रेटर ने व्यावसायिक मानते हुए व्यावसायिक दर पर भुगतान का आदेश पारित किया है और एनएचएआइ उस आदेश के खिलाफ कोर्ट गयी है. उस जमीन पर निर्माण करने वाली एजेंसी के द्वारा कोई काम नहीं किया जायेगा. उसके अलावा अन्य जमीन पर निर्माण एजेंसी काम कर रही है.

एक्सप्रेसवे निर्माण में सुरक्षा के लिए मिला एक कंपनी पुलिस बल

बनारस, रांची – कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए एक कंपनी पुलिस बल मुख्यालय के द्वारा भेजी गयी है. डेहरी से बीसैप दो की एक कंपनी पुलिस बल मसोई में निर्माण एजेंसी के कैंप स्थल पर पहुंच चुकी है. उक्त पुलिस बल का काम सिर्फ एक्सप्रेस वे निर्माण के कार्य को सुरक्षा देने का है. दरअसल लंबे समय से निर्माण एजेंसी द्वारा एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए सुरक्षा बल की मांग की जा रही थी. विगत दिनों मुख्य सचिव के कैमूर आगमन पर एक्सप्रेसवे निर्माण में आ रही परेशानी और बाधा के विषय में विस्तार से उन्हें बताया गया था, इसके बाद उन्होंने भुगतान की प्रक्रिया में तेजी लाने व सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल देने की बात कही थी. मुख्य सचिव के यहां से लौटने के बाद तत्काल भुगतान की प्रक्रिया में तेजी लायी गयी. वहीं पुलिस मुख्यालय ने एक कंपनी पुलिस बल भी सुरक्षा के लिए भेज दी है, जो कैंप स्थल पर लगातार कैंप कर रही है. मुख्य सचिव के दौरे के बाद भुगतान की प्रक्रिया में तेजी आने पर दोबारा काम भी शुरू हो गया है, जिसे निरंतर चालू रखने की चुनौती भी जिला प्रशासन के सामने है.

बारिश में भी निर्माण एजेंसी कर रही है काम

रविवार से सोमवार को रुक-रुक कर लगातार बारिश हो रही है. लेकिन बारिश के बावजूद निर्माण एजेंसी की ओर से बेतारी मौज में लगातार काम किया जा रहा है. एक्सप्रेस में निर्माण के लिए अधिग्रहित जमीन पर मेढ़ बनाने का काम निर्माण एजेंसी कर रही है. बारिश के कारण काम करने में काफी परेशानी आ रही है. लेकिन, मुख्य सचिव से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों के काफी प्रयास के बाद दोबारा एक्सप्रेसवे निर्माण का कार्य शुरू हो पाया है. ऐसे में किसी भी परिस्थिति में जिला प्रशासन या निर्माण एजेंसी काम नहीं रोकना चाहती है.

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