भभुआ. चालू वित्तीय वर्ष में सरकार अपने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जिले के 14 हजार मछुआरों या मछली पालकों को सरकारी लाभ देगी. जिसे लेकर जिला मत्स्य विभाग से मछुआरों का रजिस्ट्रेशन कैंप लगाकर शनिवार को किया गया. इधर, जिला मत्स्य पदाधिकारी भारतेंदु जायसवाल ने बताया कि सरकार से मछली पालकों और मछुआरों को लाभ देने के लिए सरकार की तीन योजनाओं में 14 हजार मछुआरों या मछली पालकों को लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें पहली योजना नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफार्म है. यह मछली पालकों से संबंधित जानकारी, योजनाओं एवं सेवाओं के लिए एक डिजिटल मंच प्रदान करता है. इस योजना से मछली पालन में लगे समितियों, छोटे व्यवसायी आदि को 35 प्रतिशत तक सरकारी अनुदान दिया जाता है. साथ ही मछली पालकों को श्रृण, बीमा व अन्य वित्तीय सेवाओं तक पहुंचने में भी मदद करता है. इस योजना में कैमूर जिले को 9006 को लाभ देने का लक्ष्य प्राप्त है. दूसरी, योजना समूह दुर्घटना बीमा योजना है. इस योजना में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली व्यवसाय में लगे लोंगो को बीमा योजना का लाभ दिया जाता है. इसमें मछली पालने या पकड़ने से संबंधित किसी भी गतिविधि में मृत्यु होने या स्थायी रूप से पूर्ण विकलांग होने पर पांच लाख रुपये, स्थायी आंशिक विकलांगता होने पर ढाई लाख रुपये और आकस्मिक इलाज को लेकर अस्पताल में भर्ती होने पर 25 हजार रुपये का बीमा कवरेज दिया जाता है. इस योजना में जिले को 4594 का लक्ष्य प्राप्त है. तीसरी योजना राहत सह बचत योजना है. इस योजना में सरकार जब नदी में पानी भरा होता है और मछली मारना जोखिम का काम हो जाता है. इसे देखते हुए जून माह से लेकर अगस्त माह तक प्रत्येक माह 1500 रुपये के दर से तीन माह तक 4500 रुपये की आर्थिक सहायता देती है. उन्होंने बताया कि अभी भी रजिस्ट्रेशन की तिथि जारी है़ पोर्टल बंद होने की कोई सूचना नहीं है.
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