भभुआ. कैमूर के नये जिलाधिकारी बनाये गये सुनील कुमार द्वारा सोमवार को अपना पदभार ग्रहण किया गया. पदभार ग्रहण करने के साथ ही उन्होंने जिले के पूर्व डीएम सावन कुमार से जिले की महत्वपूर्ण समस्याओं, जनता की अपेक्षाओं और विकासात्मक कार्यों के बारे में चर्चा करने के बाद पत्रकारों के साथ अपने कार्यालय में एक प्रेसवार्ता की गयी. साथ ही जिला कोषागार का निरीक्षण कर जिले के वरीय पदाधिकारियों के साथ प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा भी की. इधर, पदभार ग्रहण करने के पहले नये जिलाधिकारी द्वारा सबसे पहले कैमूर के शक्ति पीठ मां मुंडेश्वरी भवानी मंदिर पहुंच कर माता आदिशक्ति का आशीर्वाद ग्रहण किया गया, जिसके बाद पदभार ग्रहण करने समाहरणालय पहुंचे. यहां जिलाधिकारी सावन कुमार द्वारा उन्हें पुष्प गुच्छा भेंट कर उनका स्वागत व सम्मान किया गया. इधर, पदभार ग्रहण करने के बाद अपने कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए नवागत जिलाधिकारी ने कहा कि आम जनों के लिए उनके दफ्तर के दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे. साथ ही समाज के वांछित व वंचित वर्गों तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाना और सरकार की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू कराना उनकी प्राथमिकता होगी. यही नहीं उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती जिलाधिकारी द्वारा जिले के विकास को जिस स्तर तक लाया गया है, उसे मैं और आगे तक ले जाने का भरपूर प्रयास करूंगा. उन्होंने कहा कि सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में गति लाकर जिले को सर्वागींण विकास की ओर अग्रसर किया जायेगा. इधर, पदभार ग्रहण करने के मौके पर अपर समाहर्ता ओमप्रकाश मंडल, उप विकास आयुक्त ज्ञान प्रकाश, जिला कोषागार पदाधिकारी, जिला भू अर्जन पदाधिकारी सहित जिला प्रशासन के अन्य वरीय पदाधिकारी शामिल थे. इन्सेट एक्सप्रेसवे निर्माण को पटरी पर लाना पूर्व डीएम की सबसे बड़ी उपलब्धि भभुआ. जहां तक कैमूर से विदा हो रहे पूर्व डीएम सावन कुमार की उपलब्धियों की बात है, तो उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि भारत माला परियोजना के तहत कैमूर में बनाये जाने वाले वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण को जटिल परिस्थितियों के बाद पटरी पर लाना कहा जा सकता है. गौरतलब है कि पिछले तीन सालों से कैमूर में एक्सप्रेसवे निर्माण को लेकर सरकार द्वारा अधिग्रहित भूमि के उचित मुआवजा को ले किसान आंदोलनरत चल रहे हैं. ऐसे में पूरे धैर्य और विवेक से काम लेते हुए पूर्व डीएम ने बगैर किसी दंडात्मक कार्रवाई के किसानों के साथ वार्ता कर उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुनना और उसके निदान के लिए आगे बढ़कर किसानों का विश्वास जीता और अधिग्रहित भूमि के सरकार द्वारा दिये जाने वाले पूर्व सर्किल रेट के मुआवजा को दोगुना सर्किल रेट की दर के आलोक में विभिन्न मौजों में भुगतान कराने के लिए कैंप लगवाकर भुगतान कराने का सिलसिला भी जारी करवाया. यही नहीं किसानों की मांग पर उन्होंने आर्बिट्रेटर को बहाल कराने से लेकर कैमूर में ही आर्बिट्रेटर की अदालत की सुनवाई कराने का महत्वपूर्ण काम किया, ताकि किसानों द्वारा दर्ज आपत्ति की सुनवाई को लेकर किसानों को पटना नहीं दौड़ना पडे. इसके अतिरिक्त पूर्व डीएम ने राज्य स्तर पर मनरेगा योजना में कैमूर को प्रथम तीन रैंकिंग पर बनाये रखने, शहरी स्वच्छता, जनसंवाद, नियमित निरीक्षण और सरकारी तंत्र को सक्रिय बनाये रखने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. बहरहाल, सुपौल जिले के नये जिलाधिकारी बनाये गये कैमूर के पूर्व डीएम ने अपने कार्यकाल में न सिर्फ प्रशासनिक कार्यक्षमता का परिचय दिया, बल्कि जनता से गहरा जुड़ाव भी बनाये रखा. इन्सेट 2 विदा हो रहे डीएम ने अपने कार्यालय के चौखट को किया प्रणाम भभुआ. कैमूर के पूर्व डीएम सावन कुमार ने जब अपना पदभार नये डीएम को देने के बाद समाहरणालय से विदा होने लगे, तो उन्होंने अपने कार्यालय के चौखट को झुक कर प्रणाम किया और काफी भावुक हो गये. यह अवसर जिले के पत्रकारों सहित आम जनों के लिए यह एक नया मंजर था. जब किसी डीएम ने अपने कार्यालय के चौखट को अभिवादन कर विदाई ली हो. इधर, विदाई के मौके पर जिला समाहरणालय में जिले के जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों द्वारा उन्हें पुष्प गुच्छ और अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया. साथ ही उनके उज्ज्वल भविष्य की हार्दिक शुभकामनाएं भी प्रेषित किये गये.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है