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एक ही कमरे में पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं व कार्यालय होता है संचालित

अनदेखी. मोहनिया के बेरी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था बदहाल, एक कक्षा को पढ़ाने पर दूसरे कक्षा के छात्र-छात्राएं करने लगते हैं हल्ला

एक कक्षा को पढ़ाने पर दूसरे कक्षा के छात्र-छात्राएं करने लगते हैं हल्ला = वर्ग एक से पांच तक नामांकित हैं 90 छात्र-छात्राएं, रोज 50 से 60 रहते हैं उपस्थित = विद्यालय में पांच शिक्षकों की है नियुक्ति, सभी एक साथ बैठे रहते हैं वर्ग कक्ष में = मामला मोहनिया प्रखंड के बेरी प्राथमिक विद्यालय का इनंट्रो…. पदाधिकारी को निरीक्षण के दौरान छात्र-छात्राओं ने बताया- मोहनिया प्रखंड का बैरी प्राथमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बताया कि एक ही कमरे में पहली से पांचवीं तक के 50 से 60 छात्रा-छात्राओं की पढ़ाई होती है और उसमें कार्यलय का संचालान भी. जब अपनी किताब पढ़नी होती है, तो एक रूम में दिक्कत होती है. यदि सर और मैडम को कहते हैं कि फोर क्लास वाले को पढ़ाइए, तो फिर थ्री और फाइव वाले हल्ला करने लगते हैं. ऐसे में सभी बच्चों को एक जैसा ही पढ़ना पड़ता है. जिसे समझ में कुछ नहीं आता है और परेशानी शुरू हो जाती है. ——————— फोटो12, विद्यालय का भवन. फोटो 13, एक ही कमरे में एक से पांच वर्ग के बच्चों को पढ़ाते शिक्षक. ———————– खास सुनील पाठक, भभुआ नगर जिले में शिक्षा व्यवस्था सुधार करने के लिए एक वित्तीय वर्ष में करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं. इसके बावजूद मोहनिया प्रखंड का बैरी प्राथमिक विद्यालय जिले का अजूबा विद्यालय बना हुआ है. महज एक ही कमरे में वर्ग एक से पांच के बच्चों की पढ़ाने की व्यवस्था विद्यालय सिस्टम को आइना दिखाने के लिए काफी है. सूबे की सरकार शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. मध्याह्न भोजन से लेकर साइकिल, पोशाक, किताब, छात्रवृति मद से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए पानी की तरह पैसा बहाये जा रहे हैं. इसके बावजूद भी शिक्षा व्यवस्था में सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है. हाल यह है कि संसाधनों की कमी के बीच पठन-पाठन का स्तर कई सवाल खड़ा कर रहा है. यह सुनकर चौंकना स्वाभाविक है कि एक ही कक्ष में आखिर पांच-पांच कक्षाएं कैसे संचालित होती होंगी. मगर ये सोलह आना सच है. कैमूर जिले के मोहनिया प्रखंड के बैरी प्राथमिक विद्यालय में पहली से पांचवी कक्षा तक के बच्चों को एक ही वर्ग कक्ष में पढ़ाया जाता है. सवाल लाजिमी है, जब एक ही कक्षा में पांच-पांच कक्षाओं के बच्चे पढ़ाई करते होंगे, तो उनकी पढ़ाई की गुणवत्ता कैसी होगी. हाद की बात तो यह है कि एक ही कमरे में वर्ग एक से पांच तक के बच्चों की पढ़ाई के साथ विद्यालय का कार्यालय भी संचालित होता है. वर्ग कक्ष में पांच शिक्षक व 60 छात्र एक ही वर्ग कक्ष में बैठे रहेंगे, तो पढ़ाई क्या होगी, यह भगवान भरोसे है. निरीक्षण पदाधिकारी की रिपोर्ट से हुआ खुलासा निरीक्षण पदाधिकारी द्वारा विद्यालय जांच के बाद दी गयी रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है. निरीक्षण पदाधिकारी ने रिपोर्ट में कहा है कि मोहनिया प्रखंड के बैरी विद्यालय में पांच शिक्षक कार्यरत है़ लेकिन, भवन एक है. एक ही वर्ग कक्ष में पहली से पांचवीं तक के छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. वहीं, छात्रों के वर्ग संचालन के साथ-साथ कार्यालय भी संचालित होता है. निरीक्षण के दौरान विद्यालय के कई छात्र-छात्राओं ने बताया कि जब अपनी किताब पढ़नी होती है, तो एक रूम में दिक्कत होती है. यदि सर और मैडम को कहते हैं कि फोर क्लास वाले को पढ़ाइए, तो फिर थ्री और फाइव वाले हल्ला करने लगते हैं. ऐसे में सभी बच्चों को एक जैसा ही पढ़ना पड़ता है. जिसे समझ में कुछ नहीं आता है और परेशानी शुरू हो जाती है. = नामांकित सभी छात्र-छात्राएं के पहुंचने पर बैठने की नहीं मिलती जगह निरीक्षण पदाधिकारी ने जांच रिपोर्ट में कहा है कि अगर नामांकित सभी 90 बच्चे एक साथ विद्यालय में उपस्थित हो जाए, तो छात्रों को बैठने की जगह वर्ग कक्ष में नहीं रह जायेगी. बच्चों को पढ़ा पाना मुश्किल होगा. = मध्याह्न भोजन बनता है भवन से लटकाये गये सेड में विद्यालय में वर्ग कक्षा के साथ-साथ मध्याह्न भोजन बनाने के लिए रसोई घर भी नहीं है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा किसी तरह विद्यालय का सेड लगाकर मध्याह्लन भोजन संचालित करते हैं. क्या कहते हैं अधिकारी जिला समग्र शिक्षा अभियान कार्यक्रम पदाधिकारी विकास कुमार डीएन ने कहा कि विद्यालय में क्लास रूम की कमी का मामला निरीक्षण में सामने आया है. इस पर संज्ञान लिया गया है. तत्काल भवन बनाने के लिए विभाग को लिखा जायेगा.

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