भभुआ नगर. जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में अब शिक्षकों व छात्रों की ऑनलाइन हाजिरी लगेगी. पत्राचार भी अब सीधे शिक्षकों को विद्यालय में उपलब्ध कराये गये टैबलेट पर ही भेजा जायेगा. समग्र शिक्षा अभियान के तहत जिले के सभी सरकारी स्कूलों में डिजिटल शिक्षा को नयी रफ्तार देने की तैयारी है. इसको लेकर अब सभी सरकारी विद्यालयों को टैबलेट उपलब्ध कराये जायेंगे. टैबलेट प्राथमिक व मध्य विद्यालय में दो-दो दिये जायेंगे व माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में तीन-तीन टैबलेट दिये जायेंगे. विद्यालयों में उपलब्ध कराये गये टैबलेट से ही इ-शिक्षा कोष पोर्टल पर प्रविष्टि दर्ज किये जायेंगे. दरअसल अब जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की भी ऑनलाइन हाजिरी बनेगी, जहां अब मेधा सॉफ्ट पर नहीं, बल्कि इ-शिक्षा कोष पर छात्र-छात्राओं की उपस्थिति दर्ज होगी. इ-शिक्षा कोष एप के जरिये डिजिटल मोड में हाजिरी के लिए प्रत्येक विद्यालय को टैबलेट उपलब्ध कराया जा रहा है. टैबलेट से ही बच्चों के चेहरे की स्कैनिंग की जायेगी. ऑनलाइन हाजिरी के लिए प्रधानाध्यापक व शिक्षक को दो बटन दिखायी देंगे. एक बटन स्कूल इन का और दूसरा स्कूल आउट का होगा. इधर, इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा अभियान विकास कुमार डीएन ने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों को टैबलेट मिल चुका है. फिलहाल कैमूर जिले को विभाग से टैबलेट नहीं मिला है, लेकिन, जल्द ही यह व्यवस्था लागू होगी. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने तय किया है कि राज्य के सभी सरकारी प्राथमिक और मध्य स्कूलों को 2-2 टैबलेट दिये जायेंगे. वहीं, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों को छात्रों की संख्या के आधार पर 2 या 3 टैबलेट उपलब्ध करायेे जायेंगे. निर्देश के अनुसार, एक टैबलेट का उपयोग संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक करेंगे. बाकी टैबलेट्स की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक से नामित अन्य शिक्षकों को सौंपी जायेगी. टैबलेट से होगी सभी कार्यों की प्रतिदिन निगरानी गौरतलब हैं कि जिन शिक्षकों ने अब तक विद्यालय से अधिक समय प्रखंड व जिला मुख्यालयों में बिताया, अब उनकी असली परीक्षा शुरू होने वाली है. राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक के पत्र ने जिले के सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों की चिंता बढ़ा दी है. अब तक कई विद्यालयों में बच्चों की संख्या मानक से काफी कम है. पढ़ाई का माहौल नदारद है और शिक्षक अन्य गतिविधियों में व्यस्त रहे हैं, लेकिन, अब टैबलेट से सजी यह व्यवस्था हर स्कूल की सच्चाई उजागर कर देगी. टैबलेट का उपयोग केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं रहेगा. इससे छात्र उपस्थिति, पाठ्यक्रम की प्रगति, परीक्षा परिणाम, मध्याह्न भोजन निगरानी और विभागीय निरीक्षण जैसे कार्य भी किये जायेंगे. जिला शिक्षा कार्यालय को राज्य परियोजना कार्यालय के साथ प्रतिदिन का विवरण साझा करना होगा.
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