मानसी-सहरसा का भी हो दोहरीकरण मधेपुरा. सहरसा से पूर्णिया भाया मधेपुरा रेलवे लाइन के दोहरीकरण की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है. बुधवार को लोकसभा में मधेपुरा के सांसद दिनेश चंद्र यादव ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए कहा कि कोसी और सीमांचल क्षेत्र के विकास के लिए इस परियोजना को तत्काल स्वीकृति दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि पूर्व मध्य रेलवे के तहत मानसी से सहरसा होते हुए सुपौल और सहरसा से भाया मधेपुरा पूर्णिया तक दोहरीकरण होने से कोसी इलाके के लोगाें को आवाजाही में फायदा होगा. यात्रियों को मिलेगी राहत सांसद ने सदन में कहा कि सहरसा-पूर्णिया रेलखंड पर ट्रेनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन सिंगल लाइन होने के कारण ट्रेनों का परिचालन प्रभावित होता है. कई बार ट्रेनों को घंटों सिग्नल का इंतजार करना पड़ता है. यदि इस रेलखंड का दोहरीकरण हो जाता है, तो न केवल परिचालन सुचारू होगा बल्कि यात्रियों को भी समय पर ट्रेन सेवा मिलेगी. सांसद ने कहा कि इस रेल लाइन के दोहरीकरण से मालगाड़ियों के संचालन में भी आसानी होगी, जिससे क्षेत्रीय औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी कोसी और सीमांचल के जिलों के लिए यह रेलखंड जीवनरेखा है. इस लाइन पर मधेपुरा, मुरलीगंज, बनमनखी और अन्य स्टेशनों से हजारों यात्री प्रतिदिन यात्रा करते हैं. सांसद ने कहा कि इस परियोजना से व्यापार, शिक्षा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी. स्थानीय व्यापारियों और आम यात्रियों ने भी सांसद की मांग का समर्थन किया है. उनका कहना है कि ट्रेनों की लेटलतीफी और भीड़ को देखते हुए दोहरीकरण अब समय की मांग है. रेल मंत्रालय से शीघ्र स्वीकृति की उम्मीद सांसद ने केंद्र सरकार व रेल मंत्रालय से आग्रह किया है कि इस परियोजना को रेलवे प्राथमिकता में शामिल करे. उन्होंने भरोसा जताया कि दोहरीकरण की स्वीकृति मिलते ही कोसी और सीमांचल क्षेत्र की कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव होगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है