– दशहरा से पहले समाधान नहीं होने पर आंदोलन – ग्वालपाड़ा प्रखंड क्षेत्र से सटे शाहपुर गांव में लगभग आठ सौ मीटर सड़क जर्जर होने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. स्थानीय लोग इससे काफी परेशान है. सड़क पर पानी जमा होने से कई बार गाड़ियां फंस जाती है. यह स्थिति किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है. ग्रामीणों ने बताया कि दुर्गा मंदिर के प्रांगण में दो विद्यालय एवं एक आंगनबाड़ी केंद्र है. विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे एवं बच्चियां इसी रास्ते होकर गुजरते हैं. इसके अलावे पदाधिकारी भी इसी रास्ते होकर गुजरते हैं, लेकिन इस रास्ते पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. यह रास्ता कई पंचायत को जोड़ती है कई गांवों को जोड़ने वाली सड़कों पर जलजमाव की समस्या अब लोगों के लिए नासूर बनी हुई है. राहगीर से लेकर स्थानीय लोगों को सफर करना परेशानी का सबब बन गया है. हल्की बारिश होने पर ही सड़कों पर जल-जमाव की स्थिति विकराल हो गई है. लोगों का कहना है कि जलजमाव एवं कीचड़ की इस समस्या से निजात दिलाने को लेकर नेता, मंत्री एवं प्रशासन का ध्यान कई बार आकृष्ट कराया गया है, लेकिन उनका ध्यान इस ओर नहीं है. मुख्य रूप से सड़क पर लगभग आठ सौ मी जिनके जिनके घर के आगे पानी रहता है. उनको घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है. परंतु बारिश के बाद हालत बद से बदतर हो जाती है. ग्रामीणों का कहना है कि नाला का निर्माण एवं सड़क की मरम्मती नहीं होने से सड़कों पर जलजमाव की स्थिति बनी रहती है. इससे राहगीरों व वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. आये दिन राहगीर इस जलजमाव से दुर्घटना का शिकार भी होते रहते हैं. स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक स्तर पर इस समस्या के समाधान के लिये कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है. यहां के ग्रामीण लगभग दस वर्षों से यह समस्या से जूझ रहे हैं. इस सड़क को लेकर वर्षों से कोई उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण जलजमाव हमेशा सड़कों पर ही रहता है. कई मोहल्ले हैं, जहां पर लोग जलजमाव की समस्या से जूझ रहे हैं. इस जल जमाव से सटे मां दुर्गा की मंदिर अवस्थित है. यहां दुर्गापूजा के अवसर पर लगभग 12 दिनों तक प्रति दो चार सौ भक्तों का आना जाना लगा रहता. इस बीच हल्की बारिश भी अगर हो जाती है तो भक्त जन , जनप्रतिनिधि से लेकर पदाधिकारी तक को कोसते हैं. मुखिया प्रतिनिधि संतोष कुमार सिंह, पैक्स अध्यक्ष संजीव कुमार सिंह, सरपंच प्रतिनिधि रोशन कुमार सिंह, विवेक सिंह, संदीप सिंह, मंटु पाठक, बबन सिंह, चंद्र मोहन सिंह, बिंदेश्वरी साह, बिपन साह, संजीव साह, बालकृष्ण साह, सिट्टू सिंह, मनीष सिंह, सलेंद्र सिंह , विभुती सिंह, रतन शर्मा, सुभाष शर्मा, नारायण सिंह, अजय सिंह, रमण सिंह, दिपक आर्टस, अशोक सिंह, चेतन सिंह, ठाकुर लड्डू सिंह, चंदा देबी आदि ग्रामीण ने आक्रोश जताया.
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