Bihar News: बिहार के मोतिहारी जिले में शिक्षा विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. विभाग ने पिछले साल दिवंगत हो चुकी शिक्षिका को शिक्षकों के लिए प्रस्तावित एफएलएन और आईसीटी ट्रेनिंग में शामिल कर लिया. छतौनी स्थित डायट में 17 से 21 मार्च तक होने वाले इस प्रशिक्षण के लिए 250 शिक्षकों की सूची जारी की गई थी, जिसमें क्रमांक 22 पर मृत शिक्षिका रानी कुमारी का नाम शामिल था.
दिसंबर में हुई थी शिक्षिका की मौत, फिर भी सूची में नाम!
उत्क्रमित मध्य विद्यालय भगवानपुर कोटवा में कार्यरत रानी कुमारी की दिसंबर 2023 में असामयिक मृत्यु हो चुकी थी. उनके परिजनों ने विभाग को समय पर इसकी सूचना भी दे दी थी. लेकिन बावजूद इसके उनका नाम ई-शिक्षा पोर्टल पर अपलोड की गई सूची में बना रहा.
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विभाग ने माना गलती, लेकिन कौन जिम्मेदार?
बीईओ शत्रुघ्न प्रसाद ने स्वीकार किया कि शिक्षिका के निधन की सूचना पहले ही मिल चुकी थी, फिर भी उनका नाम ट्रेनिंग सूची में शामिल किया गया. यह शिक्षा विभाग की लापरवाही को उजागर करता है, जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस घटना ने शिक्षा विभाग की डेटा प्रबंधन प्रणाली की खामियों को उजागर कर दिया है. सवाल यह भी उठता है कि क्या मृत शिक्षिका के नाम पर वेतन निकाला जा रहा था? यह मामूली गलती है या फर्जीवाड़ा?