Motihiari: मोतिहारी. जिले के विभिन्न बैंककर्मियों ने शनिवार को 56 वां राष्ट्रीयकरण दिवस मनाया और ग्राहकों को बेहतर सेवा देने का संकल्प लिया. इन बैंकों में सेंट्रल बैंक, ग्रामीण बैंक, पंजाब नेशनल बैंक सहित अन्य बैंक शामिल थे. गौरतलब हो कि 19 जुलाई 1969 को 14 प्रमुख निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर देश की बैकिंग व्यवस्था को आम जनता को समर्पित किया गया. यह निर्णय केवल आर्थिक नहीं बल्कि सामाजिक न्याय एवं समावेशी विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम था. इसके बाद वर्ष 1980 में छह और निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ. इस क्रम में यूनाइटेड फोरम ऑफ ग्रामीण बैंक यूनियन के जिला संयोजक डीएन त्रिवेदी ने बताया कि राष्ट्रीयकरण का मूल उद्देश्य था कि बैंकिंग सेवाओं को गरीबों, किसानों, मजदूरों, लघु उद्यमियों, महिलाओं और समाज के वंचित वर्गों तक पहुंचाना. इससे पहले बैंकिग व्यवस्था मुख्यत उद्योग पतियों और व्यापारिक घरानों के व्यापार के लिए ही केंद्रीत थी, लेकिन राष्ट्रीयकरण के बाद बैंकों की भूमिका का लाभ कमाने की बजाएं समाजिक उत्तरदायित्व निभाने की हो गयी. कहा कि ग्रामीण क्षेत्राें में बैंक शाखाओं का तीव्र विस्तार हुआ. व्यवसायिक बैंकों की संख्या 90 हजार के करीब वर्ष 1969 में निजी क्षेत्र के व्यावसायिक बैंकों की संख्या मात्र 8200 थी, जो अब 90 हजार से ज्यादा हो गयी है. कुल ऋण जहां 3500 करोड़ थे. वहीं आज 110 लाख करोड़ ऋण पहुंच चुका है.
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