सुगौली. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां मंगलवार को पूर्व निर्धारित निजी कार्यक्रम के तहत प्रखंड के बगही पंचायत के गांव पहुंचे. यहां वे अपने मित्र कतर में हुए फीफा वर्ल्ड कप के मुख्य सुरक्षा इंचार्ज परवेज मोहम्मद के आमंत्रण पर शामिल हुए. इस दौरान उनके आगमन पर उनका पारम्परिक तरीके के स्वागत किया गया. राज्यपाल के आगमन को लेकर बगही गांव सहित आसपास के क्षेत्र सहित में उत्साह का माहौल रहा. राज्यपाल की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए थे. मुख्य स्थल पर अरेराज डीएसपी रंजन कुमार के नेतृत्व में पुलिस मुस्तैद दिखी. जिला प्रशासन और पुलिस के वरीय अधिकारियों ने स्वयं बगही पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. परवेज मोहम्मद के आवास और आस-पास के इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था. सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर तैनात रहे. राज्यपाल के पहुंचने पर लोगो ने उन्हें क्षेत्रीय समस्याओं से अवगत कराया. ज्ञात हो कि करीब 11:30 बजे राज्यपाल का काफिला बगही पहुंचा, जहां परवेज मोहम्मद ने उन्हें अंगवस्त्र भेंट कर उनका स्वागत किया. इस अवसर पर पूर्व जीप अध्यक्ष मंजू देवी, नरकटिया विधायक शमीम अहमद, जदयू नेता सुनील सिंह, सीबीआई से सेवानिवृत्त विनोद झा सहित समाजसेवी और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे. इसके बाद वे रामगढ़वा प्रखंड के बेलासपुर स्थित परवेज मोहम्मद के पिता मोहम्मद शहीद के कब्र पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके बाद वे मोतिहारी के लिए रवाना हो गए.
राज्यपाल ने की सबसे भेंट, सेल्फी के लिए लगी होड़
राज्यपाल ने मौजूद सभी से एक एक कर मुलाकात की और उनका राय जाना. इस दौरान उनके साथ सेल्फी लेने वालों की होड़ लगी रही. वही राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी सभी के साथ फोटो खिचाई. राज्यपाल ने अपने संबोधन में बगही पंचायत की सामाजिक सौहार्द और सुगौली की ऐतिहासिक विरासत की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह धरती महात्मा गांधी की कर्मभूमि रही है और आज भी यहां शांति, समरसता और परिवर्तन की चेतना विद्यमान है. उन्होंने परवेज मोहम्मद के सामाजिक योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे युवाओं की भूमिका देश के विकास में बेहद अहम है. कार्यक्रम के अंत में परवेज मोहम्मद ने राज्यपाल के प्रति आभार जताया और कहा कि यह दिन बगही पंचायत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज होगा. बता दें कि परवेज मोहम्मद के पिता बिहार बंटवारे से पहले बिहार के प्रमुख पदों पर पशु चिकित्सक के पद पर रहे. वहीं बंटवारे के बाद झारखंड प्रदेश के पशुपालन निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे.
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