Motihari: मोतिहारी. शहर के बलुआ चित्रमंदिर कैंपस निवासी वर्ग नौ की छात्रा अराध्या सिंह ने 14 वर्ष की उम्र में हनुमान चालीसा 234 भाषाओं में अनुवाद कर ख्याति अर्जित की है. अनुवाद करने में इसे छह माह लग गये. इसका उद्देश्य था की विदेश में रहने वाले व विभिन्न भाषाओं के जानने वाले लोग भारतीय संस्कृति को समझ सके. अराध्या व्यवसायी अशोक सिंह उर्फ बुलबुल सिंह, राजू सिंह की भतीजी है व मनाेज सिंह की पुत्री है. वह नौवीं कक्षा में पटना के सेंट केरेंस में पढ़ाई करती है. उसकी चाह रही है कि हमारी संस्कृति को देश के सीमा के पार लोग इसे जाने पहचाने, इसको लेकर वह अपने पढ़ाई से समय निकाल छह माह में कर दिखाया है. इसके लिए उसने गूगल ट्रांस्लेट व कैन्वा एप की मदद ली. उसने हनुमान चालीसा को स्पेनिस, जापानी, पंजाबी, मराठी, कोरियन, पुर्तगाली, अंग्रेजी भाषा सहित करीब 234 भाषाओं में अनुवाद किया है, जिसे वह प्रकाशित कराने की तैयारी में है. पूछने पर बताया कि उसकी मां रानी सिंह शिक्षिका है और पिता व चाचा जी व्यवसायी है. वह चार बहनों में सबसे छोटी है. कहा की विभिन्न पुरष्कारों के लिए मैं आवेदन भी कर रही हूं.
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