Motihari: तुरकौलिया. प्रखंड क्षेत्र में 42 सिंचाई विभाग का नलकूप है. ग्रामीणों की माने तो सभी नलकूप खराब पड़े हुए हैं. कही मोटर जला है तो कही बिजली की सुविधा नहीं है. कही सब कुछ ठीक है लेकिन नाला ध्वस्त है. कुछ नलकूप तो छोटी छोटी गड़बड़ियों के कारण बंद पड़ी है. केवल बिजूलपुर पंचायत में आठ नलकूप है. सभी खराब है. बिजुलपुर पंचायत के किसान अभी धान का रोपनी कर रहे है. धान की रोपनी बहुत महंगा पड़ रहा है. दो सौ रुपए प्रति घंटा के हिसाब से पटवन कराना पड़ रहा है. किसान अनिल सिंह, बृजकिशोर राम, मंटू साह, मनीष कुमार, राजन कुमार, गुड्डू कुमार, राकेश सहनी, विकास पासवान आदि ने बताया कि नलकूप चालू होता तो बहुत कम पैसे में पटवन हो जाता. और समय भी कम लगता. किसानों का कहना है कि तुरकौलिया सब्जी उत्पादन और धान, गेहूं, मक्का, गन्ना आदि फसलों का हब माना जाता है. लेकिन सभी नलकूप खराब होने के कारण किसानों की आमदनी बढ़ नहीं पाती है. समय पर पटवन भी नहीं हो पाता है. जिससे उत्पादन क्षमता भी कम हो जाता है. आज से 20 से 25 वर्ष पहले नलकूप चालू था तो किसानों की फसल लहलहाती थी. लेकिन अब न बरसात समय पर हो रही है और न ही नलकूप चालू हो रहा है. यही हाल जयसिंहपुर पूर्वी, जयसिंहपुर दक्षिणी, जयसिंहपुर उतरी, सपही, चारगंहा, मथुरापुर, तुरकौलिया पश्चिमी, बेलवाराय व शंकर शरैया दक्षिणी के किसानों का है. हाल ही में नगर निगम में शामिल हुए रघुनाथपुर और हरदिया के किसानों का भी है. कुछ पंचायतों में खराब पड़े नलकूपों को बनाने के लिए पैसा आया है. लेकिन अब तक बेलवाराय के बेलघटी में हाल ही में एक चली हुआ है. जबकि कुछ ऐसे भी नलकूप है जिसको बनाने में लाखों की खर्च आएगी. लेकिन विभाग से हजारों में पैसा आया है. जिसके वजह से कई नलकूप नहीं बन पा रहे है. जयसिंहपुर दक्षिणी पंचायत के मुखिया विनोद सिंह ने बताया कि नलकूप बनाने के लिए जो राशि आई थी उससे नलकूप का कार्य कराया गया है. पैसा कम पड़ जाने के कारण अभी चालू नहीं हो पाया है. पैसा आते ही चालू कराया जायेगा.
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