Motihari: मोतिहारी. गेहूं की सरकारी खरीद को बाजार भाव प्रभावित कर रहा है. खुले बाजार में गेहूं का भाव प्रति क्विंटल 26 सौ रुपये तक पहुंंच गया है. जबकि सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) 24 सौ 25 रूपये प्रति क्विंटल है. बाजार में गेहूं के दाम एमएसपी से अधिक होने के कारण किसान अपनी फसल खुले बाजार में बेचने को प्राथमिकता दे रहे है. यही कारण है कि सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहं की खरीद कम हो गयी है. दूसरा सबसे बड़ा कारण है कि सरकारी केंद्रो पर गेहूं बेचने वाले किसानों को समय से पैसा का भुगतान भी नहीं हो रहा. किसानों को अपने खर्च पर केंद्रों तक गेहूं भी पहुंचाने पड़ रहे है. जबकि बिचौलिया किसानों के दरवाजा से गेहूं खरीद रहे हैं और उसका भुगतान भी नकद हो रहा है. ऐसे में किसान सरकारी केंद्रों पर गेहूं बेचने से कतरा रहे है. हालांकि प्रशासन किसानों को सरकारी खरीद केंद्रों पर लाने के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन बाजार भाव के कारण अभी तक सफलता नहीं मिली है.
खरीद केंद्रों पर सन्नाटा
बाजार में गेहूं के भाव तेज होने के साथ ही किसानों ने अपना रूख मोड ली है. इससे क्रय केंद्रों पर सन्नाटा पसर गया है. किसान गेहूं बेचने के लिए सरकारी केंद्रों पर अब नहीं आ रहे है. माने तो जिले के कई सरकारी केंद्र बंद हो गये है. अब इन केंद्रों पर किसानों के नहीं आने से सन्नाटा पसरा हुआ है.
208 एमटी हुई गेहूं खरीद
एक अप्रैल से गेहूं खरीद चल रहा है. पूर्वी चंपारण में अबतक महज 55 किसानों से 208 एमटी ही गेहूं की खरीद हो सकी है. जबकि गेहूं खरीद के लिए जिले में 298 पैक्स व 8 व्यापार मंडल चिन्हित है. इनमें अरेराज, बंजरिया, छौड़ादानों, फेनहरा व तेतरिया प्रखंड में गेहूं खरीद का आंकड़ा शून्य है.
कहते हैं अधिकारी
बाजार भाव में तेजी आने के बाद से केंद्रों पर किसानों का दबाव कम हुआ है. जिले को 8 हजार एक सौ 36 एमटी खरीद का लक्ष्य मिला है. टारगेट को देखते हुए गेहूं अधिप्राप्ति को ले हर संभव प्रयास किया जा रहा है.प्रिंस अनुपम,
डीसीओ, पूर्वी चंपारणडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है