Motihari:चकिया. स्थापना के 50 साल बीत जाने के बाद भी अनुमंडल स्थित बाबूलाल साह बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय एक अदद रास्ते की बाट जोह रहा है, जिसके कारण अनुमंडल के सबसे बड़े बालिका विद्यालय में पढ़ने वालीं लगभग 3000 छात्राएं रेलवे पटरी पार कर विद्यालय जाने को बाध्य है. स्थानीय निवासी बताते हैं कि कुछ वर्षों पूर्व तक रेलवे समपार संख्या 137 स्पेशल से एक संपर्क पथ हुआ करता था, जो समय के साथ अतिक्रमण की भेंट चढ़ गया. इसको लेकर समय-समय पर मांग भी उठी परन्तु इसका कोई समाधान नहीं निकल सका. बाबूलाल साह बालिका उच्च विद्यालय अनुमंडल क्षेत्र का अकेला ऐसा विद्यालय है, जहां इतनी संख्या में बालिकाएं पढ़ने जाती है. इसकी स्थापना लगभग 50 साल पूर्व हुई थी. उस समय भूमिदाता परिवार के गोपाल जी प्रसाद द्वारा अपने पूर्वज बाबूलाल साह के नाम पर एक बीघा जमीन विद्यालय के लिए दान दी गई थी. भूमिदाता परिवार के सदस्य विजय कुमार गुप्ता आज भी संपर्क पथ के लिए हर संभव मदद की बात कहते हैं. वे कहते हैं कि समपार संख्या 137 से 136 तक पैदल रास्ता भी बना देने से समस्या का काफी हद तक समाधान हो जाएगा.संपर्क पथ नही होने के कारण बालिकाएं आज भी पटरी किनारे चलकर और पटरी पार कर विद्यालय आती-जाती हैं.जिससे हमेशा दुर्घटना का खतरा बना रहता है. इसके पूर्व में भी वहां कई दुर्घटनाएं घटित हो चुकी है. जनप्रतिनिधियों व प्रशासन की उदासीनता के कारण भविष्य में कभी भी बड़ी दुर्घटना की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है.
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