पीपराकोठी. स्थानीय केविके परिसर में स्थित डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के पशु प्रजनन उत्कृष्टता केंद्र में पशुपालन क्षेत्र की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. यहां ओपीयु प्रक्रिया के तहत विश्वविद्यालय की चार साहिवाल गायों से कुल 104 ओसाइट्स(अंडे) सफलतापूर्वक प्राप्य कर निषेचित किए गए. यह तकनीकी सफलता भविष्य में बिहार के पशुपालकों के लिए वरदान साबित होगी. उत्तराखंड पशुपालन विभाग एवं उत्तराखंड सरकार के उत्तराखंड लाइवस्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड देहरादून तथा डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा बिहार के बीच हुए एमओयू (समझौता ज्ञापन) के अंतर्गत यह तकनीकी यात्रा संभव हो सकी है. यूएलडीबी देहरादून की विशेषज्ञ टीम ने दो बार इस केंद्र का भ्रमण किया तथा केंद्र में आइभीएफ सेंटर को स्थापित करने में तकनीकी सहायता प्रदान की तथा यहां के दो वैज्ञानिकों को कालसी केंद्र में प्रशिक्षण प्रदान किया. पिछले 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विश्वविद्यालय के इस संस्थान को देश को समर्पित किया गया था. पशु प्रजनन उत्कृष्ट केन्द्र के परियोजना निदेशक डॉ कुंडू ने बताया कि पीपराकोटी आईभीएफ सैंटर में आईभीएफ संचालित करने हेतु 12 से 15 तारीख तक यूएलडीबी के विशेषज्ञ डॉ अजय पाल सिंह असवाल कई निर्देशन में आईभीएफ की पूरी प्रक्रिया की गई. इस महत्वपूर्ण पहल को अब परियोजना प्रभारी डा. प्रमोद और डा मोहन के द्वारा संचालित किया जाएगा. भविष्य में प्रदेश के पशुपालकों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिल सके. विश्वविद्यालय कई निदेशक शोध ने इस वैज्ञानिक सफलता पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि यह कार्य पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह के उस सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसमें उन्होंने बिहार को उन्नत पशुपालन तकनीकों से समृद्ध करने की कल्पना की थी.
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