Motihari: मोतिहारी. लक्ष्य के अनुसार आधार बीज का उत्पादन नहीं होने पर कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक ने रविवार को पूर्वी चंपारण के दो प्रखंडों के तीन गांवों का दौरा किया. उन्होंने किसानों की समस्याओं को समझ कर उनकी समस्याओं को दूर करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि समय पर बुआई करे और समय पर ही कटनी करें, तो अच्छी आमदनी हो सकती है. गौरतलब हो कि आधार बीज योजना जिसे बीज ग्राम योजना भी कहा जा सकता है. किसानेां को उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणित बीज को उपलब्ध कराती है. यह याेजना सरकार ने 2007-08 में लागू किया. इस योजना से किसानों को कई फायदे हुए, जैसे बेहतर पैदावार, अच्छी गुणवत्ता वाला बीज उत्पादन हुआ. इसके लिए सरकार ने किसानों को विभिन्न फसलों के लिए प्रमाणित बीज सब्सिडी पर उपलब्ध कराती है. धान और गेहूं के लिए 50 प्रतिशत तथा दलहन और तिलहन के लिए 60 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है. इसके तहत पूर्वी चंपारण जिले को 21000 क्विंटल रबी फसल के लिए लक्ष्य प्रदान किया गया, लेकिन महज 2000 क्विंटल रबी फसल का बीज उपलब्ध हो सका. बताया जाता है कि विभाग द्वारा इसके लिए प्रत्येक पंचायत के सात किसानों को सात हेक्टेयर भूमि के लिए एक क्विंटल बीज सब्सिडी के साथ प्रदान किया गया, लेकिन उत्पादन महज सात से आठ प्रतिशत हुआ, जिसको ले पटना से आयी टीम ने पकड़ीदयाल प्रखंड के अजगरी एवं सिसहनी तथा मधुबन प्रखंड के दुलमा गांव का निरीक्षण किया. इस दौरान कृषि संयुक्त निदेशक सुशील कुमार ने उन किसानों से पूछा की किन कारणों से अच्छी पैदावार नहीं हुयी, जिसके कारण आपका बीज कृषि विभाग ने लेने से इंकार कर दिया. किसानों ने बताया कि बीज सही समय पर मिली, बुआई भी सही समय पर किया, लेकिन अचानक आये बारिश में कुछ खड़े फसल भींग गये, तो कटाई के बाद भींग गये, जिससे रबी फसल बदरंग हो गया और कृषि विभाग ने उसे लेने से इंकार किया. मौके पर कृषि संयुक्त निदेशक के अतिरिक्त पटना से आये अधिकारी नवेदिता तथा कृषि विभाग के एक अन्य अधिकारी दीपक कुमार व किसान मौजूद थे.
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