Motihari: पीपराकोठी : श्रावण मास भगवान शिव की उपासना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है जिसमें शिव पूजन एवं रुद्राभिषेक आदि अनुष्ठान करके श्रद्धालु धन्य हो जाते हैं. इस पावन महीने में हर तरफ हरियाली छा जाती है. भगवान शिव प्रकृति के बीच ही रहते हैं. उन्हें जो बिल्वपत्र, दूर्वा,शमीपत्र, भांग,धतूरा आदि चढाया जाता है वो भी हरे रंग का होता है. इसलिए हरा रंग उनको अत्यधिक प्रिय है. उक्त बातें आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय ने दीं. इस मास में ही ऋतु परिवर्तन होता है. इसमें स्त्रियां सोलह श्रृंगार करती है. अपने सिंगार में वे हरे रंग की चूड़ियां,हरे रंग के वस्त्र व मेंहदी को अधिक महत्व देती है. सावन के महीने में हरा रंग धारण करने से भगवान शंकर के साथ शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं. इस मास में कई प्रकार की बीमारियां फैलने लगती है. आयुर्वेद में हरा रंग कई रोगों में कारगर माना गया है. ऐसी मान्यता है कि मेंहदी का रंग जितना गहरा होता है उतना ही पति-पत्नी में प्यार बढ़ता है. हरा रंग प्रेम,प्रसन्नचित्त और खुशहाली का प्रतीक माना गया है. इसी वजह से महिलाएं सावन के महीने में हरे रंग के वस्त्र,मेंहदी,चूड़ियाँ व आभूषण आदि सिंगार धारण कर भगवान एवं प्रकृति को धन्यवाद देती है
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