Motihari : मोतिहारी. जिले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसकी जिला स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है, ताकि सही तरीके से दल कर्मियों के द्वारा सिंथेटिक पाइरोथाइराइड दवा का छिड़काव हो सके. जिले के डीभीडीसीओ डॉ शरत चंद्र शर्मा का ने बताया कि कालाजार पर नियंत्रण के लिए छिड़काव दल द्वारा कालाजार प्रभावित स्थानों के साथ- साथ भीएल मरीजों के घरों के पास छिड़काव कराया जा रहा है. वहीं छिड़काव की मॉनिटरिंग भीडीसीओ राकेश कुमार,धर्मेंद्र कु, प्रेमलता कुमारी, गौतम कु, सत्य नारायण उरांव, रविंद्र कु भीडीसीओ एवं कंसल्टेंट अभिषेक कुमार के द्वारा अलग-अलग स्थानों पर की जा रहीं है. वहीं स्टेट टीम द्वारा भी निरीक्षण किया जा रहा है. कहा कि मच्छरदानी के प्रयोग करने से कई प्रकार के वेक्टर जनित रोगों से रक्षा होती है, इसलिए सोते समय इसका प्रयोग आवश्यक है. महादलित बस्तियों एवं झुग्गी-झोपडी में हो रहा छिड़काव डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि महादलित बस्तियों एवं झुग्गी-झोपडी में कालाजार से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ सिथेटिक पाइरोथाइराइड कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है. कहा कि कालाजार को जड़ से समाप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूर्णतः प्रयासरत है. घरों में अच्छे ढंग से छिड़काव करें, ताकि बालू मख्खी को समाप्त किया जा सकें. कालाजार में व्यक्ति को दो हफ़्तों से ज्यादा बुखार, तिल्ली का बढ़ जाना, भूख नहीं लगना, वजन में कमी, चमड़े पर दाग होना और इस बीमारी में खून की कमी बड़ी तेजी से होने लगती है. छिड़काव के दौरान रखें ध्यान – घर की दीवारों में पड़ी दरारों को भर दें. – खाने-पीने के सामान, बर्तन, दीवारों पर टंगे कैलेंडर आदि को बाहर कर दें. – भारी सामानों को कमरे के मध्य भाग में एकत्रित कर उसे ढक दें. – रसोईघर, गौशाला सहित पूरे घर में दवा का छिड़काव कराएं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है