Motihari: मोतिहारी. ड्रग लाइसेसिंग प्रक्रिया में बड़ा बदलाव हुआ है. औषधि नियंत्रण विभाग में पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए वन नेशन, वन ड्रग लाइसेंसिंग यानी ओएनडीएलएस सिस्टम लागू की गयी है. नए सिस्टम में नए ड्रग लाइसेंस या नवीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसे 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी तौर पर लागू किया गया है. इनमें नए ड्रग लाइसेंस व नवीकरण को लेकर आयदिन लोग औषधी कार्यालय जानकारी के लिए पहुंच रहे है.
लोगों को पूरी जानकारी नहीं मिल पा रहा है कि आवेदन कैसे करना है. इधर जिला औषधी विभाग के पदाधिकारी व तकनीकी असिस्टेंट भी अबतक ऑन लाइन प्रक्रिया के कार्य प्रणाली से परिपक्व नहीं है. जिसके कारण आनेवाले लोगों को पूरी जानकारी नहीं मिल पा रह है. जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. बताया जाता है कि वन नेशन, वन ड्रग लाइसेंसिंग प्रणाली को लेकर विभागीय स्तर पर जनवरी माह में ऑन लाइन एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन हुआ था. इस ऑन लाइन प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान तकनीकी कारण से मास्टर ट्रेनर का साउंड ही गायब रहा. जिसके कारण प्रशिक्षण तो हुयी लेकिन पदाधिकारी व कर्मी कार्य प्रणाली को पूरी नहीं ठीक से समझ नहीं पाये. जिला औषधी नियंत्रक प्रभात कुमार ने कहा कि ऑन लाइन कार्य प्रणाली से संबंधित कार्यशाला अयोजित करने का अनुरोध किया गया है. जिसमें फर्मासिस्ट एसोसिएशन को भी शामिल किया जायेगा.नए आवेदन की चार चरणों में होगी जांच
सहायक औषधि नियंत्रक प्रभात कुमार ने बताया कि नई लाइसेंसिंग प्रक्रिया पुरानी की तुलना में कुछ जटिल है, लेकिन इसमें अनियमितता की गुंजाइश नहीं रहेगी. नए सिस्टम के तहत अब नए लाइसेंस का आवेदन चार चरणों से गुजरेगा. सबसे पहले राज्य भर के आवेदन ड्रग कंट्रोलर के पास जाएंगे. यहां आवेदन पत्र और संलग्न दस्तावेजों की प्रारंभिक जांच की जाएगी. यदि कोई दस्तावेज अधूरा हुआ तो आवेदन रोक कर सूचना दी जाएगी. सही होने पर राज्य औषधि नियंत्रक संबंधित औषधि निरीक्षक को भेजेंगे, जो दुकान-संस्थान और वहां की व्यवस्था की वास्तिक रिपोर्ट देंगे.30 दिनों के भीतर जारी होगा लाइसेंस
आवेदन की प्रक्रिया 30 दिन में पूरी कर लाइसेंस निर्गत करना है या आवेदन रद करना है. नए आवेदन का चार चरणों से गुजरना है. हर टेबल की कार्यवाही रिकॉर्ड में होगी और उच्चाधिकारी कभी भी उसकी जांच कर सकेंगे. उप औषधि निरीक्षक तकनीकी मूल्यांकन यानी फार्मासिस्ट की योग्यता, दवा भंडारण व्यवस्था और अन्य तकनीकी पहलुओं की जांच व समीक्षा कर रिपोर्ट देंगे. उनके स्तर पर सभी रिपोर्ट-दस्तोवज संतोषजनक पाए जाने पर लाइसेंस स्वीकृत करने के लिए आवेदन जिला लाइसेंसिंग पदाधिकारी को भेजा जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है