Motihari : मोतिहारी.मतदाता सूची में नाम जोड़ने व हटाने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना विशेष गहन पुनरीक्षण का मकसद है. निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों व तय समय सारणी के अनुसार विशेष पुनरीक्षण का काम होगा और सभी अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे. शुक्रवार को भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली द्वारा शहर के राजाबाजार स्थित महात्मा गांधी प्रेक्षागृह में आयोजित तिरहुत एवं सारण प्रमंडल के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों एवं सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम ये बातें कही गयी. विशेष गहन पुनरीक्षण-2025 को ले आयोग के उप निर्वाचन आयुक्त भानु प्रकाश येतुरु, निदेशक मनोज सी एवं सचिव पवन दीवान ने गहन पुनरीक्षण के लिए जारी गाइडलाइन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी और कहा कि यह पुनरीक्षण आयोग द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों और समय-सारणी के अनुसार आयोजित किया जाएगा. इस प्रक्रिया के तहत मतदान केंद्र पदाधिकारी घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे. पुनरीक्षण के दौरान आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 तथा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 में उल्लिखित मतदाता के रूप में पंजीकरण की पात्रता और अयोग्यता संबंधी प्रावधानों का पूरी तरह से पालन करेगा. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23 के अंतर्गत निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा अब तक अपने स्तर पर पात्रता की जांच की जाती रही है. अब तकनीक के विकास को देखते हुए, इस प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए यह आवश्यक किया गया है कि इआरओ द्वारा संतुष्टि के आधार पर प्राप्त दस्तावेजों को पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा. हालांकि, इन दस्तावेजों की गोपनीयता सुनिश्चित करते हुए इन्हें केवल अधिकृत निर्वाचन अधिकारियों द्वारा ही देखा जा सकेगा. किसी राजनीतिक दल या मतदाता द्वारा कोई दावा या आपत्ति दर्ज की जाती है. तो सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी संबंधित मामले की जांच करेंगे और उसके बाद ही इआरओ अपना निर्णय लेंगे.बताया कि इसके अतिरिक्त, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 के तहत इआरओ के आदेश के विरुद्ध जिला पदाधिकारी व मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष अपील दायर की जा सकती हैं.इस अवसर पर तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त राजकुमार, सारण प्रमंडल के आयुक्त राजीव रौशन सहित दोनों प्रमंडल के सभी नौ जिलों के जिलाधिकारी भी उपस्थित थे. यह सुनिश्चित करें कि मतदाताओं को नहीं हो परेशानी आयोग ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, जिला निर्वाचन पदाधिकारी, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एवं बूथ स्तर अधिकारी को निर्देश दिया कि ये यह सुनिश्चित करें कि वास्तविक मतदाताओं, विशेष रूप से वृद्ध, बीमार, दिव्यांगजन, गरीब तथा अन्य वंचित वर्गों को किसी प्रकार की परेशानी न हो. उन्हें हर संभव सुविधा प्रदान की जाए. इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर स्वयंसेवकों की तैनाती भी की जा सकती है. सभी केन्द्रों पर बीएलए की होगी नियुक्ति बताया कि आयोग सभी राजनीतिक दलों से अपील करेगा कि वे प्रत्येक मतदान केंद्र पर अपने बूथ लेवल एजेंट्स की नियुक्ति करें. बीएलए की सक्रिय भागीदारी से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि यदि कोई विसंगतियां या त्रुटियों हों, तो उसके समाधान तैयारी प्रारंभिक चरण में ही कर लिया जाए, जिससे दावे, आपत्तियों और अपीलों की संख्या में कमी लाई जा सके.
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