मोतिहारी. महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दस दिवसीय शोध प्रविधि कार्यशाला में गुरुवार को गुणात्मक शोध में डेटा विश्लेषण पर केंद्रित सत्र का आयोजन हुआ. छठे दिन के पहले और दूसरे तकनीकी सत्र में मौलाना मज़हरुल हक़ अरबी फ़ारसी विश्वविद्यालय, पटना के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में सहायक आचार्य डॉ मुकेश कुमार ने गुणात्मक शोध में डेटा विश्लेषण के लिए कूट संकेतन की भूमिका पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि, गुणात्मक अनुसंधान में कूट संकेतन डेटा को व्यवस्थित करने और उनमें से विषयों और संबंधों को पहचानने की एक प्रक्रिया है, जो डेटा विश्लेषण का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है. कूट संकेतन से शोध की विश्वसनीयता और निष्कर्षों की वैधता सुनिश्चित होती है. तीसरे तकनीकी सत्र में भौतिकी विभाग के प्रो संतोष कुमार त्रिपाठी ने सभी प्रतिभागियों को सांख्यिकीय उपकरणों के माध्यम से गुणात्मक डेटा का विश्लेषण करने के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि, उपलब्ध सूचनाओं का विवेकपूर्ण सदुपयोग ही गुणात्मक शोध का आधार है क्योंकि डेटा से सूचना, सूचना से ज्ञान और ज्ञान से विवेक प्राप्त होता है. कार्यशाला का संचालन विभाग में सहायक आचार्य और सह निदेशक डॉ सुनील दीपक घोड़के ने किया. वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो शिरीष मिश्रा ने वक्ताओं का परिचय कराया.विभागाध्यक्ष और कार्यशाला के निदेशक डॉ अंजनी कुमार झा ने सभी वक्ताओं तथा अतिथियों का अभिवादन व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यशाला में विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ परमात्मा कुमार मिश्र एवं डॉ साकेत रमन सहित अन्य शोधार्थी तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे.
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